प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बरसाई लाठियां, JSSU नेता को किया गिरफ्तार

Edited By Khushi, Updated: 16 Dec, 2024 06:21 PM

police used lathicharge to disperse protesting candidates

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा सितंबर में आयोजित भर्ती परीक्षा में कथित गड़बड़ी के खिलाफ आयोग के कार्यालय के पास सोमवार को एकत्र हुए प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा सितंबर में आयोजित भर्ती परीक्षा में कथित गड़बड़ी के खिलाफ आयोग के कार्यालय के पास सोमवार को एकत्र हुए प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे झारखंड राज्य छात्र संघ (जेएसएसयू) के नेता देवेंद्र नाथ महतो को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने दावा किया कि वे जेएसएससी कार्यालय से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि निषेधाज्ञा तो केवल 500 मीटर के दायरे में लागू है।

एक छात्र ने आरोप लगाया, ‘‘हमने कोई कानून नहीं तोड़ा। इसके बावजूद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और हमारे नेता देवेंद्र नाथ महतो को पीटने के बाद ले गई।'' जेएसएसयू के तत्वावधान में कुछ अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के बीच आयोग के कार्यालय में दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई। वहीं, बता दें कि रांची जिला प्रशासन ने शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे से 20 दिसंबर रात आठ बजे तक एसएससी कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। रांची स्थित जेएसएससी कार्यालय के सभी प्रवेश बिंदुओं पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है और अवरोधक लगाए गए हैं। इससे पहले, जेएसएसयू नेता देवेंद्र नाथ महतो ने कहा था, ‘‘भारी सुरक्षा इंतजाम और निषेधाज्ञा के बावजूद छात्र जेएसएससी कार्यालय के पास इकट्ठा हो रहे हैं। हमारा मकसद आयोग की दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को रोकना है।'' पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सभी प्रवेश बिंदुओं पर जांच सुनिश्चित की जा रही है और किसी को भी बिना जांच के प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। रांची प्रशासन ने रविवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि वह प्रदर्शन से निपटने के लिए तैयार है। प्रशासन ने छात्रों से किसी भी तरह के आक्रामक प्रदर्शन से दूर रहने का भी आग्रह किया।

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘ऐसी गतिविधियों से न केवल कानून-व्यवस्था बिगड़ती है बल्कि इससे उनकी (प्रदर्शकारी छात्रों की) शिक्षा, भविष्य और करियर पर भी गहरा असर पड़ सकता है।'' छात्र जेजीजीएलसीसी परीक्षाओं को लेकर विरोध कर रहे हैं जिसके माध्यम से सरकार में ज्यादातर जूनियर स्तर के पदों पर भर्ती की जाएगी। अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर 30 सितंबर को जेएसएससी कार्यालय के बाहर एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था। जेएसएससी ने अभ्यर्थियों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। आरोपों को खारिज करते हुए जेएसएससी सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि परीक्षा स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित की गई थी। भाषा

 

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