Edited By Nitika, Updated: 25 Dec, 2022 09:01 AM

भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य में हो रहे धर्मांतरण के संबंध ईसाई धर्म गुरु आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो और मास्करेन हास का आपत्तिजनक बयान न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि निंदनीय भी है और उन्हे ऐसे बयान से बचना चाहिए।
रांचीः भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य में हो रहे धर्मांतरण के संबंध ईसाई धर्म गुरु आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो और मास्करेन हास का आपत्तिजनक बयान न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि निंदनीय भी है और उन्हे ऐसे बयान से बचना चाहिए।
दीपक प्रकाश ने कहा कि भारत में सबको अपने अपने धर्म, संप्रदाय, पूजा-अर्चना को मानने की संवैधानिक व्यवस्था है। परंतु किसी को भी लोभ, लालच या सेवा के नाम पर उनकी आस्था को बदलवाने का अधिकार प्राप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि झारखंड की हेमंत सरकार बनते ही तुष्टिकरण की राजनीति हावी हो गई है। सबको पता है कि हेमंत सरकार बनते ही इसे क्रिसमस गिफ्ट की उपमा से नवाजा गया था, जिससे अन्य आस्था से जुड़े लोगों को पीड़ा हुई थी। कहा कि का यह बयान पूरी तरह अपरिपक्वता से भरा हुआ है जिसमे उन्होंने सत्ता परिवर्तन और धर्म-परिवर्तन को एक ही पलड़े में तौला है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के धर्म स्वतंत्र कानून से उन्हें क्यों दिक्कत है, जिस में कही भी किसी व्यक्ति को किसी सम्प्रदाय, पूजा अर्चना को अपनाने की मनाही नहीं है।
वहीं भाजपा सांसद ने कहा कि कानून सिफर् यह कहता है कि अगर किसी को अपनी पूजा-पद्धति, मान्यता को बदलना है तो कानून के प्रावधानों के तहत उपायुक्त को एक आवेदन देकर अपनी बात सूचित करें। अब इसमें कौन सी परेशानी हो गई। कहा कि आखिर प्रशासन को इस बात की जानकारी क्यों नहीं होनी चाहिए। आखिर कोई अपना धर्म बदलकर कल से अल्पसंख्यक की सरकारी सुविधाओं की मांग करेगा तो उसे अल्पसंख्यक की मान्यता प्राप्त करने के पहले उसे प्रशासन को क्यों नहीं बताना चाहिए?