Edited By Harman, Updated: 26 Dec, 2024 09:05 AM
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष की भाजपा ने बुधवार को शुरुआत की। भाजपा ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अटल जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में प्रदेश में मनाया।
इस अवसर पर मरांडी ने कहा कि अटल जी जैसा...
रांची: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष की भाजपा ने बुधवार को शुरुआत की। भाजपा ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अटल जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में प्रदेश में मनाया। राज्य के सभी बूथों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने श्रद्धेय अटल जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में अटल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने किया।
इसके पूर्व विधानसभा परिसर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी जी की आदमकद प्रतिमा पर प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी,क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह सहित प्रदेश के नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रदेश के सभी जिलों में आज अटल जी के संबंध में गोष्ठी आयोजित की गई जिसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया।
रांची महानगर भाजपा द्वारा अटल वेंडर माकेर्ट,रांची में आयोजित विचार गोष्ठी को प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संबोधित किया। मरांडी ने कहा कि अटल जी जैसा महान व्यक्तित्व विरले होते हैं। आज अटल जी भले ही शरीर से हमलोगो के बीच नहीं हैं लेकिन उनकी वाणी, उनकी कविताएं, उनके विचार आज भी देश दुनिया के लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ता अटल जी से प्रेरित होकर समाज जीवन में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे।
मरांडी ने कहा कि वे बड़े मन के नेता थे। उनका हृदय कोमल था,लेकिन मां भारती की सेवा में वे विचारों के प्रति द्दढ़ थे,अटल थे। उन्होंने कहा कि संगठन में कार्यकर्ताओं को कार्य करने की स्वतंत्रता के वे आग्रही थे,अनावश्यक दबाव के पक्षधर नहीं थे। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक के पुत्र के रूप में जीवन यात्रा प्रारंभ करने वाले अटल जी ने अपने संघर्ष और परिश्रम से महान व्यक्तित्व को गढ़ा।
मरांडी ने कहा कि अटल जी ने कभी सत्ता केलिए विचारों से समझौता नहीं किया। पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने भारत की राजनीति को नई दिशा दी। देश को आगे बढ़ाने और कांग्रेस पार्टी की देश विरोधी नीतियों से मुक्ति दिलाने के लिए उन्होंने गठबंधन की राजनीति को मजबूती प्रदान की। लेकिन सत्ता लोलुपता उन्हें छू नहीं सकी। मरांडी ने कहा कि आपातकाल के बाद बनी जनता पार्टी की सरकार से अलग होना स्वीकार किया लेकिन विचारों से समझौता नहीं किया। भाजपा के रूप में नई राजनीतिक यात्रा का शुभारंभ किया। मरांडी ने कहा कि पहले 13 दिन, फिर 13 महीने फिर साढ़े चार सालों तक प्रधानमंत्री के रूप में श्रद्धेय अटल जी ने विकसित भारत,स्वाभिमानी भारत, दुनियां का सिरमौर भारत बनाने केलिए हर संभव कोशिश की।