Edited By Harman, Updated: 07 Jun, 2025 10:14 AM

झारखंड के हजारीबाग जिले में नर्सों ने गर्भस्थ शिशु को मृत घोषित कर गर्भवती को अस्पताल में कथित तौर पर भर्ती करने से इंकार कर दिया, जिसके बाद महिला ने एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। जिला प्रशासन ने शुक्रवार को इस मामले में जांच के आदेश दिये...
हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले में नर्सों ने गर्भस्थ शिशु को मृत घोषित कर गर्भवती को अस्पताल में कथित तौर पर भर्ती करने से इंकार कर दिया, जिसके बाद महिला ने एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। जिला प्रशासन ने शुक्रवार को इस मामले में जांच के आदेश दिये हैं।
निजी अस्पताल में दिया स्वस्थ बच्चे को जन्म
मनीषा देवी के पति विनोद साव ने दावा किया कि वह चालकुशा प्रखंड से करीब 120 किलोमीटर की यात्रा कर बुधवार को पत्नी को हजारीबाग स्थित शेख भिखारी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल लेकर पहुंचा। उसने कहा कि नर्सों ने पत्नी के हीमोग्लोबिन के स्तर को कम बताया और कहा कि भ्रूण की गर्भ में मौत हो चुकी है। उम्मीद नहीं हारते हुए विनोद साव पत्नी को जिले के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां मनीषा ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। विनोद साव ने कहा, "सुरक्षित प्रसव के लिए मैं सेंट कोलंबा मिशन हॉस्पिटल के चिकित्सकों का धन्यवाद करता हूं।"
हजारीबाग के उपायुक्त ने दिए जांच के आदेश
हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने शुक्रवार को इस पूरे मामले की जांच का आदेश देते हुए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधीक्षक को निर्देश दिया कि इस घटना की जांच के लिए समिति गठित की जाए। सिंह ने कहा, "सरकारी अस्पतालों का काम मरीजों को कम कीमत पर बेहतर इलाज मुहैया कराना है, लेकिन यहां इलाज करने से इनकार किया गया। मैंने अस्पताल प्रशासन को इस संबंध में जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया है।" निजी अस्पताल के मालिक डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि मनीषा को यहां भर्ती करने के बाद कई जरूरी जांच कराई गईं, जिनकी रिपोर्ट संतोषजनक आई। इसके बाद महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। डॉ. कुमार ने कहा, “मां और नवजात दोनों स्वस्थ हैं।”