Edited By Khushi, Updated: 12 Dec, 2025 12:58 PM

Sahibganj News: झारखंड के साहिबगंज जिले के उधवा पक्षी अभयारण्य में लगभग एक दशक बाद 'पलास गल' नामक एक दुर्लभ प्रवासी पक्षी को देखा गया है। पलास गल का दिखना इस बात का संकेत है कि झील का वातावरण प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित, अनुकूल और आकर्षक है।
Sahibganj News: झारखंड के साहिबगंज जिले के उधवा पक्षी अभयारण्य में लगभग एक दशक बाद 'पलास गल' नामक एक दुर्लभ प्रवासी पक्षी को देखा गया है। पलास गल का दिखना इस बात का संकेत है कि झील का वातावरण प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित, अनुकूल और आकर्षक है।
यह पक्षी जमीन पर घोंसला बनाता है
संभागीय वन अधिकारी प्रबल गर्ग ने बताया कि यह आर्द्रभूमि के लिए एक दुर्लभ प्रवासी पक्षी है और इसे आखिरी बार 2015 में पक्षी जनगणना के दौरान देखा गया था। लगभग एक दशक बाद इसकी वापसी पक्षी अभयारण्य की जैव विविधता के लिए एक सकारात्मक संकेत है। गर्ग ने बताया कि यह एक प्रवासी पक्षी है, जो पूर्वी भूमध्य सागर, अरब और भारत में सर्दियां बिताता है। यह पक्षी जमीन पर घोंसला बनाता है और दो से चार अंडे देता है।
2015 में इस पक्षी को पटौरा झील में देखा गया था
गर्ग ने बताया कि पलास गल का दिखना इस बात का संकेत है कि झील का वातावरण प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित, अनुकूल और आकर्षक है। 2015 में इसे पटौरा झील में देखा गया था जबकि बुधवार को इसे बरहाले झील में देखा गया। ये दोनों झीलें पक्षी अभयारण्य का हिस्सा हैं और गंगा नदी के तट पर स्थित हैं।