Edited By Ramanjot, Updated: 20 Mar, 2025 07:33 PM

बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में "शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान में उभरते पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम विकास" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ।
पटना: बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में "शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान में उभरते पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम विकास" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ। इस सम्मेलन में देशभर के शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं और खेल विशेषज्ञों ने भाग लिया और शारीरिक शिक्षा व खेल विज्ञान के पाठ्यक्रमों पर चर्चा की।
कार्यक्रम की भव्य शुरुआत और प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
सुबह 10:30 बजे भव्य स्वागत और दीप प्रज्ज्वलन के साथ उद्घाटन समारोह शुरू हुआ। मुख्य अतिथि शिशिर सिन्हा (सेवानिवृत्त आईएएस), कुलपति, बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, ने सम्मेलन का शुभारंभ किया। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में मयंक वरवडे, आईएएस, आयुक्त, पटना डिवीजन, और शशांक शुभंकर, जिलाधिकारी, नालंदा उपस्थित रहे।
कुलपति शिशिर सिन्हा ने अपने संबोधन में खेलों के शैक्षणिक महत्व और बिहार सरकार की खेल शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने घोषणा की कि बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को यूजीसी मान्यता और एआईयू सदस्यता प्राप्त हो चुकी है और आगामी सत्र से तीन नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन का भी उल्लेख किया, जिसमें बिहार को खेल उत्कृष्टता का केंद्र बनाने की बात कही गई है।
बिहार सरकार के खेल अवसंरचना को लेकर बड़े कदम
पटना के प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवडे ने बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को विश्व स्तरीय खेल संस्थान के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने बताया कि हर ग्राम पंचायत और प्रखंड में खेल का मैदान विकसित किया जा रहा है, और प्रत्येक जिले में स्टेडियम व खेल परिसर स्थापित करने की योजना है।

उन्होंने यह भी बताया कि 8,500 ग्राम पंचायतों में से 6,000 में खेल मैदानों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। बिहार सरकार ने ₹1,500 करोड़ की खेल अवसंरचना परियोजना केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजी है। इसके अलावा, खेल सहभागिता को डिजिटल रूप देने के लिए 25,000 पंजीकृत सदस्यों के साथ ऑनलाइन स्पोर्ट्स क्लब स्थापित किए जा रहे हैं।
शैक्षणिक नवाचार और तकनीकी सत्रों पर फोकस
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक और डीन निशिकांत तिवारी ने पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान में नए कोर्स पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें शामिल हैं:
एनसीटीई के 4-वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP)
- BPES-B.P.Ed. डिग्री कार्यक्रम और यूजीसी द्वारा प्रस्तावित बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स (BPES)
- एथलेटिक्स और क्रिकेट कोचिंग में डिप्लोमा और स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स
- इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्रों के माध्यम से ज्ञान साझा करने पर जोर

सम्मेलन का समापन और भविष्य की संभावनाएं
सम्मेलन का समापन बिहार के विकास आयुक्त की उपस्थिति में होगा, जिसके बाद प्रशंसा प्रमाणपत्रों का वितरण किया जाएगा। आयोजन सचिव और BSUR के डीन आभार ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन करेंगे।
बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का यह कदम राज्य में खेल शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। विश्वविद्यालय सभी हितधारकों को इस पहल का हिस्सा बनने का आमंत्रण देता है, ताकि बिहार को खेल शिक्षा और अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बनाया जा सके।