महिलाओं के खिलाफ किया अपराध! तो नहीं बच पाएंगे आप...खोज-खोजकर केस निपटा रही पुलिस; 8 महीने में 464 दोषियों को मिली सजा

Edited By Ramanjot, Updated: 04 Sep, 2025 04:37 PM

if you commit a crime against women you will not be able to escape

पुलिस मुख्यालय की ओर से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। पीएचक्‍यू से बिहार के सभी जिलों की मॉनिटरिंग की जा रही है। जिसका असर अब आंकड़ों में साफ नजर आ रहा है। बिहार पुलिस की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार...

Bihar Police: अगर आप बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराध कर रहे हैं तो संभल जाइए! बिहार पुलिस आपको छोड़ने वाली नहीं है। बिहार पुलिस महिलाओं से जुड़े अपराधों को लेकर बेहद गंभीर है। पुलिस ऐसे मामलों को खोज-खोज कर निपटा रही है। जिसका नतीजा है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों में इस साल 464 लोगों को सजा दिला दी है। इनमें शीलभंग, दहेज उत्पीड़न और पॉक्सो जैसे संगीन मामले शामिल हैं। गौर करने वाली बात ये कि इन सभी दोषियों को रिकॉर्ड समय में सजा दिलाई गई है। जिसमें एक साल से भी कम का समय लगा है। 

अब तक 464 दोषियों को सजा 

पुलिस मुख्यालय की ओर से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। पीएचक्‍यू से बिहार के सभी जिलों की मॉनिटरिंग की जा रही है। जिसका असर अब आंकड़ों में साफ नजर आ रहा है। बिहार पुलिस की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार बीते आठ महीनों में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले 464 लोगों को सजा दिलाई गई है। 

इस साल जनवरी से अगस्त तक का रिकॉर्ड 

शीलभंग : 131 मामलों में 154 दोषियों को सजा
पॉक्सो: 145 मामलों में 183 दोषियों को सजा
दहेज उत्पीड़न: 28 मामलों में 41 दोषियों को सजा
दहेज हत्या: 50 मामलों में 86 दोषियों को सजा 

जिलावार आंकड़े 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रेप के मामलों में सबसे ज्यादा सफलता अररिया को मिली है। यहां 11 मामलों में 11 अभियुक्तों को सजा मिली। छपरा में 7 मामलों में 9, बगहा में 3 मामलों में 12, औरंगाबाद में 9 मामलों में 9 अभियुक्त दोषी पाए गए। वहीं, पॉक्सो मामलों में बेतिया, समस्तीपुर, भागलपुर और पटना सबसे आगे रहे।

पिछले साल से बेहतर प्रदर्शन 

साल 2024 में पूरे साल के दौरान रेप के 253 मामलों में 309 दोषियों को सजा दिलाई जा चुकी है। पुलिस सजा दिलाने के मामले में सक्रीय हुई है। जिसका नतीजा है कि इस बार जनवरी से ही सजा दिलाने का सिलसिला जारी है। डीजीपी विनय कुमार का कहना है कि अभी तो 8 महीने ही हुए हैं। अंत तक यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ेगा।

“महिलाओं से जुड़े अपराधों का ट्रायल जल्द कराने के साथ ही गवाहों को समय पर हाजिर कराने पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए समयबद्ध तरीके से ट्रायल होने से सजा की रफ्तार बढ़ी है। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि तारीख पर गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित हो।”
                                                                                                                                                         – विनय कुमार, डीजीपी, बिहार पुलिस

पुलिस की रणनीति 

डीजीपी विनय कुमार ने बातचीत के दौरान बताया कि महिलाओं से जुड़े अपराधों में सजा की दर बढ़ाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने खास रणनीति अपनाई है। केस डायरी समय पर उपलब्ध कराना, गवाहों को कोर्ट में हाजिर कराना और ट्रायल को टाइमलाइन में पूरा कराना सुनिश्चित किया गया है। जिसने अपराधों पर सजा दिलाने में अहम भूमिका अदा की है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!