बिहार में धूमधाम से मनाई जा रही मकर संक्रांति, गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

Edited By Swati Sharma, Updated: 14 Jan, 2025 03:41 PM

makar sankranti is being celebrated with great pomp in bihar

बिहार में मकर संक्राति का पर्व आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज के दिन से सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने की शुरुआत होती हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के समय को शुभ माना जाता है और मांगलिक कार्य आसानी से किए जाते हैं। पृथ्वी दो...

पटना: बिहार में मकर संक्राति का पर्व आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज के दिन से सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने की शुरुआत होती हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के समय को शुभ माना जाता है और मांगलिक कार्य आसानी से किए जाते हैं। पृथ्वी दो गोलार्द्धों में बंटी हुई है ऐसे में जब सूर्य का झुकाव दाक्षिणी गोलार्द्ध की ओर होता है तो इस स्थिति को दक्षिणायन और सूर्य जब उत्तरी गोलार्द्ध की ओर होता है तो इस स्थिति को उत्तरायण कहते हैं। साथ ही 12 राशियां होती हैं जिनमें सूर्य पूरे साल एक-एक माह के लिए रहते हैं। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं।

PunjabKesari

चूड़ा-दही के पर्व मकर संक्रांति के अवसर पर पटना के आस-पास के ग्रामीण इलाकों से गंगा नदी के पवित्र जल में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला दो दिन पूर्व से ही शुरु हो गया था, जो आज सुबह तक जारी रहा। भक्तों ने सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही गंगा स्नान शुरू किया और भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की। मकर संक्रांति के दिन भगवान भास्कर और विष्णु पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने से शरीर निरोग होता है तथा यश मिलता है। मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान, तप, जप, तथा अनुष्ठान आदि का अत्यधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस अवसर पर किया गया दान सौ गुना होकर प्राप्त होता है। इस त्योहार का संबंध केवल धर्मिक ही नहीं है, बल्कि इसका संबंध ऋतु परिवर्तन और कृषि से है। इस दिन से दिन एंव रात दोनों बराबर होते है।

PunjabKesari

मान्यता है कि मकर संक्रांति वाले दिन लोगों के गंगा में डुबकी लगाने और दान करने से लोगों को सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है और इंसान को जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। डुबकी लगाने वालों में पुरुषों के साथ महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालु हर-हर गंगे का उच्चारण करते हुए नदी में डुबकी लगाकर भगवान भाष्कर की पूजा कर रहे हैं। साथ ही ब्राह्मणों को चूडा, गुड़ और तिल का दान किया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,आज के दिन तिल से बनी सामग्री ग्रहण करने से कष्टदायक ग्रहों से छुटकारा मिलता है। 

PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!