झारखंड पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 10 लाख रुपए के इनामी माओवादी ‘जोनल कमांडर' ने किया आत्मसमर्पण

Edited By Ramanjot, Updated: 29 Sep, 2024 09:29 AM

naxal commander with a reward of rs 10 lakh surrendered

गिरिडीह जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के पिपराडीह निवासी 70 वर्षीय इस व्यक्ति के पास करीब 1.5 एकड़ कृषि भूमि है। उसके खिलाफ 50 से अधिक नक्सली मामले लंबित हैं, जिनमें से ज्यादातर गिरिडीह जिले में दर्ज हैं। पुलिस उप महानिरीक्षक (हजारीबाग) सुनील भास्कर ने...

गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के स्वयंभू जोनल कमांडर राम दयाल महतो ने शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उस पर 10 लाख रुपए का इनाम था। पुलिस ने एक बयान में यह जानकारी दी।

इसमें कहा गया है कि राम दयाल महतो उर्फ ​​बच्चन दा उर्फ ​​नीलेश दा उर्फ ​​अमर दा झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित था और उसने राज्य पुलिस की “नई दिशा-एक नई पहल” पहल के तहत समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया। गिरिडीह जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के पिपराडीह निवासी 70 वर्षीय इस व्यक्ति के पास करीब 1.5 एकड़ कृषि भूमि है। उसके खिलाफ 50 से अधिक नक्सली मामले लंबित हैं, जिनमें से ज्यादातर गिरिडीह जिले में दर्ज हैं। पुलिस उप महानिरीक्षक (हजारीबाग) सुनील भास्कर ने कहा कि राम दयाल महतो की गिरफ्तारी झारखंड पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है। प्रेस वार्ता के दौरान गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार भी मौजूद थे। 

डीआईजी ने कहा कि महतो के आत्मसमर्पण से नक्सली संगठन की कमर टूट गई है और उन्होंने विश्वास जताया कि गिरिडीह, धनबाद और बोकारो जिलों में नक्सली गतिविधियों में भारी कमी आएगी। इसमें कहा गया है कि 1989-90 में नक्सली संगठन एमसीसी से प्रभावित होकर महतो उसमें शामिल हो गया और एरिया कमांडर तथा जोनल कमांडर सहित विभिन्न पदों पर काम किया। 

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