बिहार में 75% आरक्षण पर रोक लगाने से पटना हाईकोर्ट ने किया इनकार, कहा- जवाबी हलफनामा दे नीतीश  सरकार

Edited By Ramanjot, Updated: 01 Dec, 2023 05:12 PM

patna high court refuses to ban 75 reservation in bihar

राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व प्रदेश के महाधिवक्ता पी के शाही कर रहे हैं। इस मामले में शाही की सहायता कर रहे वकील विकास कुमार ने बताया कि अदालत द्वारा इस संबंध में दायर की सभी जनहित याचिकाओं की सुनवाई अब एक साथ की जाएगी और सरकार से 12 जनवरी जवाबी...

पटना: बिहार सरकार को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, हाईकोर्ट ने 75 फीसदी आरक्षण पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने बिहार सरकार से आरक्षण में हालिया बढ़ोतरी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से 12 जनवरी तक जवाब मांगा है। 

राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व प्रदेश के महाधिवक्ता पी के शाही कर रहे हैं। इस मामले में शाही की सहायता कर रहे वकील विकास कुमार ने बताया कि अदालत द्वारा इस संबंध में दायर की सभी जनहित याचिकाओं की सुनवाई अब एक साथ की जाएगी और सरकार से 12 जनवरी जवाबी हालकनामा दाखिल करने को कहा गया है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि पिछले महीने बिहार विधानसभा द्वारा पारित कानून में, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के अलावा, सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है, जो "असंवैधानिक" है। याचिकाकर्ताओं ने यह तर्क भी दिया है कि प्रसिद्ध इंद्रा साहनी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले ने "कुल आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत तक सीमित कर दिया था जिसे केवल अत्यंत असाधारण मामलों में बदला जा सकता था।" 

"राजनीति से प्रेरित लग रहे सर्वेक्षण के आंकड़े"
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि लेकिन राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने हाल के जातिगत सर्वेक्षण का हवाला देते हुए "सिर्फ पिछड़े वर्ग की आबादी में वृद्धि के आधार पर" यह कदम उठाया है, जिसमें ओबीसी और ईबीसी की संयुक्त आबादी 63.13 प्रतिशत बताई गई है। याचिकाकर्ताओं का यह भी तर्क है कि सर्वेक्षण के आंकड़े "राजनीति से प्रेरित लग रहे हैं क्योंकि आंकड़े गलत होने की अफवाहें हैं।'' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के नेताओं ने आरोप लगाया था कि सर्वेक्षण में राज्य के सत्तारूढ़ "महागठबंधन" का नेतृत्व करने वाले राजद की तुष्टि के अनुरूप यादवों और मुसलमानों की संख्या को "बढ़ाकर" दर्शाया गया है जो अन्य पिछले वर्ग के लिए नुकसानदेह है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इन आरोपों का खंडन किया है। 

बिहार विधानसभा में पारित हुआ था बिल
बता दें कि बिहार विधानसभा में पिछले महीने आरक्षण का दायरा बढ़ाने का बिल पारित हुआ था। इसके तहत एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी के आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दी गई। ईडब्लूएस का 10 फीसदी आरक्षण अलग से है। इस तरह राज्य में कुल आरक्षण 75 फीसदी हो गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!