बिहार के एक ऐसे शिक्षक जो 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर जगा रहे शिक्षा का अलख, सैकड़ों छात्रों को बना चुके हैं इंजीनियर

Edited By Ramanjot, Updated: 26 Jul, 2023 04:32 PM

rk srivastava of bihar is giving education to students by taking only 1 rupee

आरके श्रीवास्तव मूल रूप से रोहतास जिले के विक्रमगंज के रहने वाले हैं। पंजाब केसरी से बातचीत में आरके श्रीवास्तव बताते हैं कि बचपन में पिता की मौत के बाद घर की तंगहाली के बीच वे टीबी जैसे गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए। घर के लोगों का सपना था कि वे...

पटना (अभिषेक कुमार सिंह): देश में आजकल शिक्षा का व्यवसायीकरण हो रहा है। ऐसे तमाम कोचिंग, स्कूल, कॉलेज हैं जो फीस के नाम पर छात्रों और अभिभावकों से मोटी रकम वसुलतें हैं। इन सबसे अलग शिक्षा के इस बाजार में बिहार के एक ऐसे शिक्षक हैं जो गुरु और छात्र के परंपरा को जिंदा रखते हुए अपने छात्र से गुरु दक्षिणा के रूप में मात्र एक रुपया लेते हैं। इस शिक्षक का नाम है मैथ गुरु आरके श्रीवास्तव। 

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धराशाई हो गया इंजीनियर बनने का सपना
आरके श्रीवास्तव मूल रूप से रोहतास जिले के विक्रमगंज के रहने वाले हैं। पंजाब केसरी से बातचीत में आरके श्रीवास्तव बताते हैं कि बचपन में पिता की मौत के बाद घर की तंगहाली के बीच वे टीबी जैसे गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए। घर के लोगों का सपना था कि वे इंजीनियर बनें लेकिन वे बीमारी के कारण आईआईटी की प्रवेश परीक्षा नहीं दे पाए। इंजीनियर बनने का सपना धराशाई हो गया। बाद में बड़े भाई की मौत ने भी उन्हें तोड़ कर रख दिया। मन में टीस थी कि वे इंजीनियर बन नाम और पैसा कमाते लेकिन मां-भाभी का साथ मिला और अपने जैसे मजबूर बच्चों को आगे बढ़ाने का विचार मन में आया...माध्यम बना गणित। 

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500 बच्चे इंजीनियर या सरकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत
गरीब बच्चों की फीस चुकता करने की मजबूरी खुद से जानते थे। वे यह भी जानते थे कि बच्चे महंगी फीस देने में मजबूर हैं लेकिन बिना फीस दिए पढ़ेंगे भी नहीं। लिहाजा गुरु दक्षिणा रखा एक रुपए। तब से ये कारवां चल पड़ा अबतक उनके द्वारा एक रुपए लेकर पढ़ाए हुए 500 बच्चे इंजीनियर या सरकारी विभाग में अधिकारी के पद पर कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में आरके श्रीवास्तव को देश के विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक संस्थाए गेस्ट फैकल्टी के रूप में शिक्षा देने के लिए भी बुलाते हैं। आरके श्रीवास्तव देहरादून, हरियाणा, दिल्ली सहित देश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी के रूप में पढ़ाकर उससे होने वाली आमदनी से ही बिहार के गरीब स्टूडेंट्स को निःशुल्क शिक्षा देते हैं। 

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कई बड़ी शख्सियतों से मिल चुका है पुरस्कार
आरके श्रीवास्तव को गणित में दिए योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। पाइथागोरस थ्योरम को बिना रुके 52 अलग-अलग तरीके से सिद्ध करने के लिए वर्ल्‍ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में नाम दर्ज है। लगभग 12 घंटे 450 से अधिक बार नाइट क्लास में पढ़ाने के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज है। इन्हें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, राज्यसभा के पूर्व सदस्य आरके सिन्हा, योग गुरु बाबा रामदेव, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और हरिश रावत समेत कई लोगों से पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।

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