Amour Assembly Seat: अमौर विधानसभा सीट पर क्या चलेगा अख्तरुल ईमान का सिक्का? ।। Bihar Election 2025

Edited By Swati Sharma, Updated: 05 Jul, 2025 05:11 PM

Amour Assembly Seat: अमौर विधानसभा सीट बिहार की दो सौ 43 विधानसभा सीटों में से एक है....अमौर विधानसभा सीट, किशनगंज लोकसभा सीट के तहत आता है। 1951 से ही अमौर सीट अस्तित्व में आ गया था। 1951 में इस सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट...

Amour Assembly Seat: अमौर विधानसभा सीट बिहार की दो सौ 43 विधानसभा सीटों में से एक है....अमौर विधानसभा सीट, किशनगंज लोकसभा सीट के तहत आता है। 1951 से ही अमौर सीट अस्तित्व में आ गया था। 1951 में इस सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट मोहम्मद ताहिर ने जीत हासिल कर लिया था। वहीं 1957 में हुए चुनाव में अमौर सीट पर निर्दलीय कैंडिडेट मोहम्मद इस्माइल ने जनता का समर्थन हासिल कर लिया था तो 1962 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर कांग्रेसी कैंडिडेट मोहम्मद अलीजान ने अमौर में विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। वहीं 1967 और 1969 के चुनाव में यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर हसीबुर रहमान ने जनता का भरोसा जीत लिया था। 1972 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर हसीबुर रहमान ने एक बार फिर अमौर में चुनाव जीत लिया था तो 1977 में अमौर सीट पर जनता पार्टी के टिकट पर चंद्रशेखर झा ने जनता का भरोसा हासिल कर लिया था। वहीं 1980 में कांग्रेसी कैंडिडेट मोईजुद्दीन ने अमौर सीट पर विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। 1985 में अमौर सीट पर ए जलील ने बतौर निर्दलीय कैंडिडेट विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर लिया था।

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वहीं 1990 में कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर ए जलील ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। वहीं 1995 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट मुजफ्फर हुसैन ने विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। 2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट अब्दुल जलील मस्तान ने अमौर सीट पर लगातार दो बार जीत का परचम लहराया था। 2010 के विधानसभा चुनाव में अमौर सीट पर बीजेपी के कैंडिडेट के तौर पर सबा जफर ने जीत हासिल कर सबको चौंका दिया था। वहीं 2015 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के टिकट पर अब्दुल जलील मस्तान ने जीत हासिल कर लिया था, लेकिन 2020 के चुनाव में मजलिस कैंडिडेट अख्तरुल ईमान ने जीत का परचम लहराया था।

Amour Seat Result 2020 ।। एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर                               

वहीं 2020 के चुनाव में मजलिस कैंडिडेट अख्तरुल ईमान ने जीत का परचम लहराया था। अख्तरुल ईमान ने  94 हजार चार सौ 59 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे तो जेडीयू कैंडिडेट सबा जफर 41 हजार नौ सौ 44 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से अख्तरुल ईमान ने  सबा जफर को 52 हजार पांच सौ 15 वोट के बड़े मार्जिन से हरा दिया था। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट अब्दुल जलील मस्तान 31 हजार आठ सौ 63 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

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Amour Seat Result 2015 ।। एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर                               

वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में अमौर सीट से कांग्रेसी कैंडिडेट अब्दुल जलील मस्तान ने जीत हासिल किया था। अब्दुल जलील मस्तान ने चुनाव में एक लाख एक सौ 35 वोट हासिल किया था। वहीं बीजेपी की कैंडिडेट सबा जफर को 48 हजार एक सौ 38 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से अब्दुल जलील मस्तान ने सबा जफर को 51 हजार नौ सौ 97 वोट के बड़े भारी अंतर से हरा दिया था। वहीं एसएचएस की कैंडिडेट अनिमा दास, 4 हजार तीन सौ 93 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

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Amour Seat Result 2010 ।। एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर                               

वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में अमौर सीट से बीजेपी की टिकट पर सबा जफर ने चुनाव में जीत हासिल किया था। सबा जफर ने चुनाव में 57 हजार सात सौ 74 वोट हासिल किया था। वहीं कांग्रेसी कैंडिडेट अब्दुल जलील मस्तान ने  38 हजार नौ सौ 46 वोट हासिल किया था। इस तरह से सबा जफर ने अब्दुल जलील मस्तान को 18 हजार आठ सौ 28 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं आरजेडी कैंडिडेट बाबर आजम 16 हजार तीन सौ 23 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 

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Amour Seat Result 2005 ।। एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर                               

वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में अमौर सीट से काग्रेस की टिकट पर अब्दुल जलील मस्तान ने जीत हासिल की थी। अब्दुल जलील मस्तान ने चुनाव में 42 हजार 41 वोट हासिल किया था। वहीं एसपी की कैंडिडेट सबा जफर को 27 हजार चार सौ 23 वोट मिला था। इस तरह से अब्दुल जलील मस्तान ने सबा जफर को 14 हजार छह सौ 18 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं बीजेपी कैंडिडेट आफाक आलम ने 11 हजार सात सौ 20 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

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अमौर विधानसभा सीट के नतीजों को तय करने में मुस्लिम मतदाता अहम किरदार निभाते हैं। इसके अलावा यादव और कोइरी वोटर भी यहां निर्णायक संख्याबल में हैं। अमौर सीट को मजलिस लीडर अख्तरुल ईमान का गढ़ माना जाता है। इसलिए अमौर में फिलहाल मजलिस की स्थिति मजबूत नजर आती है।

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