Edited By Ramanjot, Updated: 16 Feb, 2025 02:33 PM
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गोपालगंज जिले में नीली क्रांति को सफल बनाने और किसानों को मछली पालन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए मत्स्य विभाग ने नई पहल की है।
गोपालगंज जिले में नीली क्रांति को सफल बनाने और किसानों को मछली पालन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए मत्स्य विभाग ने नई पहल की है। PM मत्स्य संपदा योजना के तहत अब किसानों को नए तालाब खुदवाने पर 50 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा। खासतौर पर एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 70 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत दो हेक्टेयर तक तालाब खुदवाने पर अधिकतम सात लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, चयनित किसानों को मत्स्य पालन का प्रशिक्षण देने के लिए विभाग द्वारा अन्य स्थानों पर भेजा जाएगा, जिससे वे आधुनिक तकनीकों को सीख सकें और अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकें।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
किसानों को इस योजना का लाभ पाने के लिए जिला मत्स्य पालन विभाग में आवेदन करना होगा। आवेदन जमा होने के बाद विभागीय अधिकारी जमीन की जांच करेंगे और यदि सब कुछ सही पाया गया तो अनुदान स्वीकृत कर दिया जाएगा। योजना के तहत अति पिछड़े वर्ग के किसानों को 90 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा। जिन किसानों के पास खुद की जमीन नहीं है, वे लीज पर भूमि लेकर तालाब निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए कम-से-कम नौ साल का एग्रीमेंट अनिवार्य होगा।
योजना के मुख्य बिंदु:
- दो हेक्टेयर तक तालाब खुदवाने पर मिलेगा अनुदान।
- सामान्य वर्ग के किसानों को अधिकतम सात लाख रुपये तक की सहायता।
- एससी-एसटी किसानों को 70 प्रतिशत तक अनुदान।
- अति पिछड़े वर्ग के लिए 90 प्रतिशत तक की आर्थिक सहायता।
- लीज की भूमि पर भी तालाब खुदवाने की सुविधा।
- आवेदन के साथ जमीन के दस्तावेज जमा करना अनिवार्य।
- कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकता है।
- योजना के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है।
गोपालगंज जिला अपनी आठ नदियों के कारण मत्स्य पालन के क्षेत्र में एक अलग पहचान रखता है। सरकार इस क्षेत्र को और सशक्त बनाने के लिए नए तालाब निर्माण और किसानों को आर्थिक सहायता देने पर विशेष जोर दे रही है।