भ्रष्टाचार पर बिहार सरकार का बड़ा एक्शन: हर 4 दिन में एक घूसखोर पकड़ा गया, निगरानी ब्यूरो की रफ्तार ने तोड़े पिछले रिकॉर्ड

Edited By Ramanjot, Updated: 27 May, 2025 06:23 PM

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को पूरी सख्ती से लागू करते हुए भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।

पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को पूरी सख्ती से लागू करते हुए भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। निगरानी ब्यूरो के स्तर से इस वर्ष जनवरी से अब तक यानी करीब 150 दिनों में 34 भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई है। यानी प्रत्येक 4 से 5 दिन में घूस लेते रंगे हाथ या पद का दुरुपयोग करने वाले किसी न किसी पदाधिकारी या कर्मी को दबोचा जा रहा है। इसमें ट्रैप से संबंधित मामले में 27 लोकसेवकों को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है, जिसमें 12 लाख 46 हजार रुपये रिश्वत की कुल राशि बरामद की गई है।

विभिन्न पदों पर तैनात 27 लोक सेवकों को ट्रैप, 4 के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामला और 3 पदाधिकारी के खिलाफ अपने पद के दुरुपयोग करने के मामले में कार्रवाई की गई है। रंगे हाथ घूस लेते ट्रैप में पकड़े गए लोक सेवकों को निगरानी कोर्ट के समक्ष पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

पिछले वर्ष से औसत कहीं अधिक

निगरानी ब्यूरो के स्तर से भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ की गई कार्रवाई का औसत पिछले 4-5 वर्षों में कहीं अधिक है। 2024 में 15, 2023 में 36, 2022 में 72, 2021 में 58 और 2020 में 37 भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष के शुरुआती 5 महीने में ही 34 पदाधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाई की जा चुकी है। यह औसत पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक है। 2022 में पूरे वर्ष में ट्रैप, डीए और पद के दुरुपयोग करने वाले 72 लोकसेवकों पर कार्रवाई की गई थी। 2022 औसतन 5 से 6 दिन में किसी न किसी भ्रष्ट लोक सेवक पर गाज गिर रही थी। परंतु वर्तमान वर्ष में कार्रवाई के इस औसत की रफ्तार अधिक है। 

ट्रैप के कार्रवाई की गति कहीं तेज

अगर सिर्फ ट्रैप की कार्रवाई पर नजर डालें, तो पिछले पांच वर्षों की तुलना में इसका औसत काफी तेजी से बढ़ा है। 2020 में पूरे वर्ष के दौरान ट्रैप के 22 मामले ही हुए थे। जबकि इस वर्ष जनवरी से मई तक 27 ट्रैप हो चुके हैं। मौजूदा वर्ष समाप्त होने पर ट्रैप के मामले दो गुणा इससे अधिक हो सकते हैं। अब तक हुई ट्रैप की कार्रवाई में सबसे अधिक संख्या में पुलिस महकमा के दारोगा समेत अन्य रैंक के पदाधिकारियों के अलावा राजस्व कर्मचारी को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। इसके अलावा कार्यपालक अभियंता समेत कुछ अन्य पदाधिकारियों को भी दबोचा गया है।           

इस वजह से बढ़ी कार्रवाई की रफ्तार

निगरानी ब्यूरो में अब सीधे शिकायत करने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर के अलावा ब्यूरो कार्यालय के मुख्य गेट पर एक शिकायत पेटी भी रखी गई है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी पदाधिकारी के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। इसकी समीक्षा करने के बाद संबंधित शिकायतकर्ता को बुलाकर पूरे मामले की तफ्तीश करने के बाद कार्रवाई कराई जाती है। प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई भी त्वरित गति से की जाती है। इसके मद्देनजर भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ कार्रवाई की रफ्तार तेज हुई है। 

महानिदेशक, निगरानी ब्यूरो जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया लगातार जारी है। कहीं से किसी स्तर के पदाधिकारी या कर्मी के बारे में घूस मांगने से संबंधित शिकायत मिलने पर तुरंत इसका सत्यापन कराकर कार्रवाई की जाती है। जिन लोक सेवकों ने भ्रष्टाचार की बदौलत अकूत संपत्ति जमा कर ली है, ऐसे कर्मियों पर भी नजर है। इनकी समुचित जांच कर डीए केस करके कार्रवाई की जाती है।

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