Edited By Ramanjot, Updated: 16 Nov, 2024 11:50 AM
बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के प्रभारी भंते आर्यपाल ने बताया कि तीन माह के वर्षा काल के बाद बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवरदान देने की परंपरा है, उसी को लेकर कठिन चीवरदान समारोह का आयोजन किया गया है। यही चीवर पहनकर बौद्ध भिक्षु अपना जीवन व्यतीत करते...
गया: तथागत की तपोभूमि बोधगया स्थित बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के प्रांगण में बौद्ध भिक्षु ने विश्व शांति को लेकर विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान विभिन्न देशों के बीच चल रहे युद्ध के दौरान मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की गई।
साथ ही कई देशों के बौद्ध भिक्षुओं को चीवरदान दिया गया। यह समारोह भगवान बुद्ध की शयनमुद्रा में स्थापित मूर्ति के समीप किया गया। बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के प्रभारी भंते आर्यपाल ने बताया कि तीन माह के वर्षा काल के बाद बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवरदान देने की परंपरा है, उसी को लेकर कठिन चीवरदान समारोह का आयोजन किया गया है। यही चीवर पहनकर बौद्ध भिक्षु अपना जीवन व्यतीत करते हैं। लगभग 300 से अधिक बौद्ध धर्म गुरुओं को चीवरदान दिया गया है, जिसमें श्रीलंका, तिब्बत, बांग्लादेश, थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया सहित कई देशों के बौद्ध भिक्षु शामिल हुए हैं।
इसके अलावा विश्व शांति को लेकर विशेष पूजा की गई है। साथ ही वर्तमान समय में विभिन्न देशों में चल रहे युद्ध के दौरान मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए भी हमलोगों ने प्रार्थना की है। वहीं भगवान बुद्ध से हमलोगों ने प्रार्थना की है कि जो विभिन्न देशों में युद्ध चल रहा है, वह जल्द से जल्द समाप्त हो, जिससे लोगों का जीवन सुखमय हो।