Edited By Ramanjot, Updated: 02 Aug, 2023 05:50 PM

जिला अधिकारी ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर बचे हुए लोगों का सर्वेक्षण कर लिया जाएगा। आज सभी जगहों पर सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो चुका है। यह फिजिकल सर्वे है जो घर-घर जाकर किया जाएगा। जिसके बाद इसकी एंट्री पोर्टल में होगी। उसके बाद सुपरवाइजर चेक कर...
पटना (अभिषेक कुमार सिंह): पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार में जातीय जनगणना सर्वे का काम आज से फिर से शुरू हो गया है। पटना के फुलवारीशरीफ स्थित वार्ड 10 में खुद पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर ने इसकी शुरुआत की। पटना डीएम ने बताया कि पटना में कुल कितने लोग हैं, सभी का डाटा उनके पास है। पटना में 13 लाख 69 हजार परिवार हैं, जिसमें 9 लाख 35 हजार लोगों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। जो परिवार बच गए हैं, उनके यहां टीम पहुंचेगी और जातीय गणना करेगी।
जिला अधिकारी ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर बचे हुए लोगों का सर्वेक्षण कर लिया जाएगा। आज सभी जगहों पर सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो चुका है। यह फिजिकल सर्वे है जो घर-घर जाकर किया जाएगा। जिसके बाद इसकी एंट्री पोर्टल में होगी। उसके बाद सुपरवाइजर चेक कर इसे सम्मिट करेंगे। फिर यह चार्ज लेवल ऑफिसर के पास जाएगा। पटना में कुल 45 चार्ज ऑफिसर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड विकास पदाधिकारी हैं और शहरी क्षेत्र में नगर निकाय के जो पदाधिकारी हैं वो नगर क्षेत्र को देख रहे हैं। 12741 जातीय गणना ब्लॉक बनाए गए हैं। एक गणना ब्लॉक में औसतन 700 लोग रखे गए हैं। कुल मिलाकर अभी तक फेज वन में जिसमें संख्या का डिटेल लिया गया था उसमें कुल 73 लाख की आबादी आ रही थी। परिवारों की संख्या 13 लाख 69 हजार आई थीं। इस पूरी प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए एक सप्ताह का टारगेट रखा गया है।
गौरतलब है कि बिहार में जाति की गणना की शुरुआत सात जनवरी से हुई थी। पहले फेज का काम पूरा हो गया था। इसके बाद दूसरे फेज का काम 15 अप्रैल से शुरू किया गया था। इसी बीच चार मई को पटना हाईकोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में जाति आधारित गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था। सरकार ने कोर्ट में कहा था कि जातीय गणना का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।