Edited By Swati Sharma, Updated: 19 Jan, 2023 12:37 PM

विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (छह) राजेंद्र कुमार पाण्डेय के न्यायालय ने बुधवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में दोनो पक्षों की दलीले सुनने के बाद एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सश्रम कारवास की सजा...
गोपालगंज: बिहार में गोपालगंज जिले के एक अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही न्यायालय ने आरोपित पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।
जानिए पूरा मामला
विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (छह) राजेंद्र कुमार पाण्डेय के न्यायालय ने बुधवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में दोनो पक्षों की दलीले सुनने के बाद एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सश्रम कारवास की सजा सुनाई। न्यायालय ने आरोपित पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। इसके साथ ही न्यायालय ने पीड़िता को 2 लाख रुपए मुआवजा राशि देने का भी आदेश दिया। सूत्रों के अनुसार, 8 सितंबर 2018 को बरौली थाना क्षेत्र के बरौली नगर निवासी पांचवीं कक्षा की एक छात्रा अपने पड़ोसी के घर गई थी। पड़ोसी ने छात्रा को दूध गर्म करने के बहाने घर के अंदर भेज दिया। इस बीच मौका देखकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। घटना को लेकर बरौली थाने में कांड संख्या 204/2018 प्राथमिकी दर्ज की गई।
आरोपी को 20 वर्ष कारवास की सुनाई गई सजा
वहीं दर्ज प्राथमिकी में बरौली नगर के बरौली वार्ड नंबर 9 निवासी रंजीत साह को नामजद आरोपित बनाया गया। आरोप पत्र आने के बाद इस मामले में एडीजे 6 सह विशेष न्यायाधीश पाक्सो के न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई। सुनवाई के बीच अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने एकमात्र आरोपित को दुष्कर्म के आरोप में दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सश्रम कारवास की सजा सुनाई। मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक दारोगा सिंह तथा बचाव पक्ष की ओर से अवधेश कुमार मिश्र ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा।