Edited By Imran, Updated: 02 Mar, 2023 12:59 PM

गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होती ही भाजपा नेता प्रतिपक्ष ने सेना का अपमान करने वाले मंत्री और भाजपा नेता को अपशब्द करने वाले पर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद महागठबंधन और विपक्ष के नेताओं के बीच नोंकझाेंक होने लगी।
पटना: गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होती ही भाजपा नेता प्रतिपक्ष ने सेना का अपमान करने वाले मंत्री और भाजपा नेता को अपशब्द करने वाले पर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद महागठबंधन और विपक्ष के नेताओं के बीच नोंकझाेंक होने लगी। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि तमिलनाडु में हमारे लोगों की हत्या हो रही है। पीटा जा रहा है और हमारे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव वहां पिकनिक मानने जाते हैं।
वहीं, विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की हत्या हो रही है। बिहारी लोगों को पीटा जा रहा है, उन्हें अपमानित किया जा रहा है। और तेजस्वी जी चार्टर्ड प्लेन में बैठकर केक खा रहे हैं। इधर, भाजपा विधायकों द्वारा तमिलनाडु में बिहारी मजदूर की हत्या को लेकर प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है। मैंने बिहार के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से बात कर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
मजदूरों ने वीडियो के जरिए लगाई मदद की गुहार
तमिलनाडु में फंसे काम करने वाले मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। मजदूरों ने कुछ वीडियो भी भेजे हैं। जिसमें उनको दौड़ा-दौड़कर पीटा जा रहा है। हत्या की जा रही है। लोग इलाज नहीं मिलने से तड़प रहे हैं। मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। मजदूरों का दावा है इन हमलों में कई मजदूर घायल हैं। घायलों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है।
ये ही पूरे विवाद की वजह
तमिलनाडु में काम कर रहे जमुई के मजदूर ने एक नीजी चैनल को बताया कि कुछ महीने पहले हिंदी बोलने वाले बिहारी मजदूर और स्थानीय तमिलनाडु मजदूरों के बीच एक बैठक की गई थी। इसमें ये तय किया गया कि अब मजदूरी 1000 रुपए से 1200 रुपए लेनी है। इसके लिए धमकी भी दी गई, लेकिन बिहारी मजदूर शरू से ही 800 रुपए में काम कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जिस कंपनी में काम कर रहे हैं वहां उनका विश्वास है। कुछ मजदूरों ने तो कंपनी से एडवांस लिया है।