Edited By Swati Sharma, Updated: 30 Aug, 2023 03:02 PM

बिहार के प्रतिष्ठित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रो0 सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शिक्षा की शुरुआत आनंद से होनी चाहिए। प्रो. सिंह ने मंगलवार को दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा संचालित बीएड (नियमित) विभाग के 12वें स्थापना दिवस...
दरभंगा: बिहार के प्रतिष्ठित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रो0 सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शिक्षा की शुरुआत आनंद से होनी चाहिए। प्रो. सिंह ने मंगलवार को दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा संचालित बीएड (नियमित) विभाग के 12वें स्थापना दिवस सप्ताह कार्यक्रम के समापन सत्र में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अध्यापक शिक्षा की परिकल्पना'' विषय पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक की पढ़ाई करने वाले छात्र सामान्य छात्रों से अलग होते हैं।
शिक्षक राष्ट्र के निर्माताः कुलपति
कुलपति ने कहा कि इनका दायित्व भी दूसरे छात्रों की तुलना में भिन्न है। शिक्षक राष्ट्र के निर्माता होते हैं, इस कारण आपकी भूमिका महती है। वर्तमान दौर में शिक्षकों को अनेक प्रकार के दायित्वों का निर्वहन-उसे विषय का ज्ञाता, भीड़ को सामना करने की क्षमता, दस्तावेज बनाने की काबिलियत, करना होता है। साथ ही शिक्षक को सामाजिक बदलाव के लिए भी काम करना होता है इसके लिए शिक्षक को अपनी सोच बदलनी होगी। शिक्षा से संस्कार और विद्या से विवेक मिलती है। इस सोच को नई पीढ़ी में साकार करने का दायित्व शिक्षक का ही है। आत्मबल से दुनिया बदली जा सकती है। शारीरिक शक्ति या धन बाल से दुनिया नहीं बदली जा सकती है । अगर छात्र नियंत्रण गतिमान रहें तो जीवन में जरूर सफलता प्राप्त करेगी।
स्थापना दिवस को अवतरण दिवस के रूप में मनाने की जरूरत: कृष्ण सिंह
पटना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकायाध्यक्ष प्रो. खगेंद्र कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जीवंत वर्ग की अवधारणा करता है। अध्यापक शिक्षा के सन्दर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कहती है कि शिक्षकों के आदर को पुनर्स्थापित करना पहला लक्ष्य है । शिक्षकों को अपने रवैये को बदलना होगा विद्यालय में वह माहौल बनाना होगा जिससे बच्चा स्वयं स्कूल जाना चाहे । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा को समग्रता में देखता है। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो0 हरे कृष्ण सिंह ने कहा कि स्थापना दिवस को अवतरण दिवस के रूप में मनाने की जरूरत है। अवतरण दिवस जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। इस दिन हम क्या खोया, क्या पाया का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हैं। शिक्षक का काम सिर्फ स्कूल में बच्चों को पढ़ना ही नहीं है बल्कि समाज को भी शिक्षित करना है।