Edited By Ajay kumar, Updated: 03 Jul, 2023 08:32 PM

सोमवार को शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन पर सरकार की ओर से सफाई दी गई। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि कानून के लिहाज से फैसला लिया गया है। डोमिसाइल पर बिहार के मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के निवासी होने की शर्त व्यावहारिक नहीं है। ये संविधान की...
पटना: सोमवार को शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन पर सरकार की ओर से सफाई दी गई। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि कानून के लिहाज से फैसला लिया गया है। डोमिसाइल पर बिहार के मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के निवासी होने की शर्त व्यावहारिक नहीं है। ये संविधान की भावना के भी विरुद्ध है।
पड़ोसी राज्य यूपी में भी यही नियम लागू
मुख्य सचिव ने मीडिया को बताया कि पड़ोसी राज्य यूपी में भी यही नियम लागू है। संविधान के अनुछेद 16 में इस बात का वर्णन है। मुख्य सचिव ने कहा कि बीपीएससी के माध्यम से अच्छे शिक्षकों का चयन होगा। शिक्षकों की भर्ती के लिए बिहार लोक सेवा आयोग ने पहले 3 बार परीक्षा ली थी। तीनों बार पूरे देश के लोगों को परीक्षा में शामिल होने की सुविधा मिली थी। एक लाख 68 हजार अभ्यर्थियों में मात्र 3 हजार अभ्यर्थी दूसरे प्रदेश के चयनित हुए थे। उसी के आधार पर इस बार भी बीपीएससी परीक्षा ले रही है। इससे बिहार के छात्रों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। बिहार के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा।
बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से अच्छे शिक्षकों की होगी नियुक्ति
मुख्य सचिव ने बताया कि आर्टिकल 16 यह कहता है कि राज्य के अधीन केवल जाति, लिंग, जन्म स्थान, निवास या किसी के आधार पर तो कोई नागरिक अपात्र नहीं होगा। राज्य से बाहर किसी का जन्म स्थान है तो वे गैर कानूनी और असंविधानिक होगी। पूर्व में वर्ष 1994, 1999 और 2000 में बीपीएससी ने परीक्षा ली थी। इससे पहले भी यही कानून था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में 1 लाख 68 हजार की नियुक्ति हुई जिसमें 3 हजार से अधिक अभ्यर्थी बिहार के बाहर से आए। अन्य राज्य उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में देश के हर राज्य के निवासी नौकरी करेंगे। स्थानीय राज्य के अलावा दूसरे राज्यों के निवासी भी पात्र है। देश का कोई भी राज्य इसमें शामिल हो रहे हैं। यदि अन्य राज्यों में भी ऐसे नियम बनाने लगे तो बिहारी युवाओं के लिए नुकसानदायी होगा। बिहार राज्य सहित देश के किसी कोने के अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे। बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति होगी।
सरकारी सेवक की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी
अभ्यर्थियों के आंदोलन पर मुख्य सचिव ने कहा कि हर व्यक्ति को अपना अधिकार है। लेकिन सरकारी सेवक की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चाहे शिक्षक हो या फिर कोई और सेवक। वही केके पाठक ने कहा कि जिन राज्यों ने ऐसे प्रावधान किए वहां लोग हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गए लेकिन मुकदमे हार गये। झारखंड सरकार भी सुप्रीम कोर्ट से केस हार गई है।