पटना HC ने बिहार के पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर सुनाया फैसला

Edited By Nitika, Updated: 04 Oct, 2022 01:57 PM

hc gave its verdict on the issue of reservation for backward classes

बिहार की पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 3 जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती।

 

पटनाः बिहार की पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 3 जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती।

कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने बताया कि इस स्थानीय निकाय के चुनाव में इन पदों के आरक्षण नहीं होने पर इन्हें सामान्य सीट के रूप मे अधिसूचित कर चुनाव करवाए जाएंगे। चीफ जस्टिस संजय क़रोल एवं संजय कुमार की खंडपीठ ने सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सभी पक्षों को सुनने के बाद 29 सितम्बर, 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज यानि मंगलवार को सुनाया गया।

गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 से शुरू होने वाले है। कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा था कि इस मामले पर निर्णय पूजा अवकाश में सुना दिया जाएगा। कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के कार्यक्रम में परिवर्तन करने की जरूरत समझे, तो कर सकता है।

दिसंबर, 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती, जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित 3 जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती।

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