Kaimur Tiger Reserve: अब कैमूर के जंगलों में गूंजेगी बाघों की दहाड़ ! टाईगर रिजर्व बनाने की मंत्री ने दी मंजूरी

Edited By Ramanjot, Updated: 30 Dec, 2025 09:01 PM

kaimur wildlife sanctuary set to become tiger reserve

बिहार के वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी को “कैमूर टाईगर रिजर्व” घोषित कराने की प्रक्रिया तेज हो गई है।

Bihar News: बिहार के वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी को “कैमूर टाईगर रिजर्व” घोषित कराने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस दिशा में तैयार किए गए संशोधित प्रस्ताव को राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए), भारत सरकार, नई दिल्ली को भेजे जाने से पूर्व माननीय मंत्री डॉ प्रमोद कुमार से सहमति/अनुमोदन प्राप्त हो गया है। राज्य सरकार की ओर से संशोधित प्रस्ताव पर औपचारिक रूप से सहमति प्रदान किए जाने के बाद अब केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

गौरतलब है कि कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी बिहार का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, जो कैमूर पर्वत श्रृंखला में फैला हुआ है। यह क्षेत्र जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है और यहां बाघों के लिए अनुकूल प्राकृतिक आवास उपलब्ध है। 

जंगल, बाघ, रोजगार, जंगलों की बदलेगी तस्वीर

वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी को टाईगर रिजर्व का दर्जा दिलाने के लिए पूर्व में भी प्रस्ताव तैयार किया गया था। राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुरूप इसमें कुछ आवश्यक संशोधन किए गए, जिसके बाद संशोधित प्रस्ताव को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया। मंत्री ने प्रस्ताव की उपयोगिता, पर्यावरणीय महत्व और वन्यजीव संरक्षण के लाभों को ध्यान में रखते हुए इसे स्वीकृति प्रदान कर दी है।

बाघ का नया सुरक्षित ठिकाना

कैमूर टाईगर रिजर्व घोषित होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, इको-टूरिज्म को प्रोत्साहन मिलेगा और क्षेत्र के समग्र विकास को नई दिशा मिलेगी। वन विभाग के मंत्री डॉ प्रमोद कुमार ने कहा कि ‘कैमूर वन्य प्राणी आश्रयणी जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। यह अहम है कि यहां बाघों के लिए अनुकूल प्राकृतिक आवास उपलब्ध है। इसके अलावा बीते वर्षों में यहां बाघों की आवाजही के प्रमाण भी मिले हैं। इसलिए कैमूर टाइगर रिजर्व घोषित होने से न केवल बाघों के संरक्षण को मजबूती मिलेगी बल्कि इससे पूरे क्षेत्र की पारिस्थितिकी तंत्र को भी संरक्षण मिलेगा। 

अब संशोधित प्रस्ताव को राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी को औपचारिक रूप से टाईगर रिजर्व घोषित करने की प्रक्रिया पूरी होगी।

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