Edited By Ramanjot, Updated: 02 Sep, 2023 02:36 PM

राज्य के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं के एक साथ चुनाव ‘बहसयोग्य' मुद्दा है तथा सभी दलों से परामर्श किए बगैर उसपर निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह बहसयोग्य विषय है।...
पटना: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के एक वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक प्रमुख सहयोगी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की महंगाई और रोजगार के मोर्चे पर अपनी विफलता से लोगों का ध्यान बांटने की चाल है।
राज्य के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं के एक साथ चुनाव ‘बहसयोग्य' मुद्दा है तथा सभी दलों से परामर्श किए बगैर उसपर निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह बहसयोग्य विषय है। राज्यों में राजनीतिक दलों के साथ चर्चा के बगैर इसपर निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। एक राष्ट्र एक चुनाव पर मीडिया की अटकलों के बजाय मुझे औपचारिक रूप से कुछ पता पता चलेगा, तभी मैं उसके गुण-दोष पर कोई टिप्पणी करूंगा।''
जब उनसे पूछा गया कि उनके दृष्टिकोण से केंद्र इस कदम पर क्यों विचार कर रहा है तो चौधरी ने जवाब दिया, ‘‘भाजपा महंगाई नियंत्रित करने और बेरोजगारी घटाने का वादा कर सत्ता में आई थी। केंद्र में करीब एक दशक तक उसके शासन के बाद लोग एक किलो अरहर दाल के लिए ही 200 रुपए दे रहे हैं।' हालांकि भाजपा और उसके सहयोगी दलों का विचार है कि ‘एक राष्ट्र , एक चुनाव' से चुनाव कराने पर आने वाले भारी खर्च में कमी आएगी। केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि विपक्ष को इससे पेट में दर्द क्यों हो रहा है। राष्ट्रीय लोक जनता दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव कराने से संसाधनों पर बोझ काफी घटेगा।