Edited By Ramanjot, Updated: 12 Dec, 2025 08:12 AM

मुजफ्फरपुर के जिला स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र पर आयोजित सिपाही चालक भर्ती परीक्षा के दौरान बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
Muzaffarpur Exam Fraud 2025: मुजफ्फरपुर के जिला स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र पर आयोजित सिपाही चालक भर्ती परीक्षा के दौरान बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। पुलिस ने वहीं पर स्कॉलर (proxy candidate), सेटर (setter/helper) और असल अभ्यर्थी को पकड़ लिया। आरोपियों की पहचान पटना, अरवल और जहानाबाद के युवक के रूप में हुई है।
घटित मामले में पकड़ा गया स्कॉलर संतोष कुमार मसौढ़ी थाना क्षेत्र के भखड़ा गांव का निवासी बताया गया है। सेटिंग का आरोप मनीष कुमार (परस बीघा थाना क्षेत्र, भावल बीघा) पर है, जबकि मूल अभ्यर्थी रंजीत कुमार अरवल के शादीपुर गांव के रहने वाले हैं।
कैसे पकड़ा गया स्कॉलर — फोटो व थंब स्कैन ने किया बेनकाब
पुलिस ने तीनों के पास से Admit Card, Aadhar Card और परीक्षा आयोग की Attendance Sheet बरामद की है। टाउन ASP-1 सुरेश कुमार के मार्गदर्शन में तीनों से थाने पर पूछताछ की गई और बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
घटना के विवरण के अनुसार, संतोष ने रंजीत का एडमिट कार्ड व आधार लेकर परीक्षा हॉल में प्रवेश किया। गेट पर ही उसकी वीडियोग्राफी की गई थी। परीक्षा कक्ष में जब परीक्षक फोटो मिलान कर रहे थे तो संतोष का चेहरा एडमिट कार्ड के फोटो से नहीं मिला। थंब (finger) स्कैनिंग पर असमानता पाई गयी, जिससे यह रैकेट तत्काल शक के दायरे में आ गया और उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
सेटिंग का नेटवर्क और मोटी रकम का वादा
संतोष की निशानदेही पर मैदान के किनारे बैठे मनीष को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद असली अभ्यर्थी रंजीत को केंद्र के बाहर से पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्हें फिलहाल खर्च-पाने के नाम पर कुछ रुपये दिए गए थे और परिणाम आने के बाद उन्हें भारी रकम देने का वादा किया गया था।
पुलिस को संदेह है कि यह सम्बन्धित रैकेट केवल स्थानीय नहीं, बल्कि पटना, रांची और अन्य शहरों तक फैल सकता है और कई कोचिंग संस्थान इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। जांच के दौरान बरामद मोबाइल फोन, कॉल डिटेल्स और नेटवर्क कड़ियों की पड़ताल कर पुलिस बड़े संगठित गिरोह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
मुजफ्फरपुर में अक्सर सक्रिय रहे नकल गिरोह
प्रतियोगिता परीक्षाओं में नकल कराने वाला गिरोह मुजफ्फरपुर में पहले भी सक्रिय रहा है। पिछले वर्षों में भी जिले के कई परीक्षा केंद्रों से दर्जनभर से अधिक आरोपित पकड़े जा चुके हैं। एक पुराना मामला ऐसा भी था जिसमें एक अभ्यर्थी ने कपड़ों के अंदर मोबाइल और कान में लुक-इन माइक्रोफोन छिपाकर परीक्षा देने की कोशिश की थी — वह तब पकड़ा गया जब उसने खुद शिकायत कर दर्द की बात कही। ऐसे घटनाक्रम इस बात का संकेत हैं कि परीक्षा सुरक्षा को और कड़ा करने की आवश्यकता है।
पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच
नगर ASP-1 सुरेश कुमार ने बताया कि रैकेट में शामिल अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है और जिन लोगों के नाम मिले हैं उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मामले की सूचना SSP सुशील कुमार और सिटी SP कोटा किरण कुमार को भी दे दी गई है। पुलिस अब कॉल रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजैक्शन और कोचिंग संस्थानों से जुड़े सबूतों की छानबीन कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके और संगठित धंधे को नष्ट किया जा सके।