Edited By Ramanjot, Updated: 13 Oct, 2022 01:33 PM

पोल खोल कार्यक्रम में ललन सिंह ने कहा RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 2015 के चुनाव के पहले ही या कहा था कि आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार करना चाहिए। आरक्षण व्यवस्था को फिर से सोचने की जरूरत है। उसी समय हम लोग को लग गया कि भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा है...
पटना (अभिषेक कुमार सिंह): पटना हाईकोर्ट की तरफ से निकाय चुनाव पर रोक लगाए जाने के विरोध में जदयू ने आज पूरे बिहार में पोलखोल कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता हर जिला मुख्यालय पर भाजपा के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पटना के गांधी मैदान में आयोजित पार्टी के पोल खोल कार्यक्रम में पहुंचे।
पोल खोल कार्यक्रम में ललन सिंह ने कहा RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 2015 के चुनाव के पहले ही या कहा था कि आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार करना चाहिए। आरक्षण व्यवस्था को फिर से सोचने की जरूरत है। उसी समय हम लोग को लग गया कि भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा है आरक्षण को समाप्त करना। बिहार में नगर निकाय के चुनाव में अति पिछड़े वर्ग को बिहार में 20% का आरक्षण दिया गया। 2006 में पंचायती राज को दिया गया, 2007 में नगर निकाय को दिया गया यह मामला पटना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया। पटना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के कानून को वैध ठहराया।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस आरक्षण व्यवस्था के तहत 2007, 2012 और 2017 में चुनाव हो चुके हैं। लेकिन 2022 में एक नई साजिश हुई और उस साजिश के तहत नगर निकाय चुनाव में आरक्षण समाप्त करने का निर्णय लिया गया और आयोग बनाने की बात की गई है। उन्होंने कहा कि जेडीयू शुरू से ही मांग करती रही है कि देश में जातिगत जनगणना कराने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री जी ने दो-दो बार विधानसभा के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। मुख्यमंत्री स्वयं गृह मंत्री से मिले। उसके बाद प्रधानमंत्री से भी मिले लेकिन जातीय जनगणना कराने के लिए वह लोग तैयार नहीं हुए। क्योंकि बीजेपी जानती है अगर जातीय जनगणना होगी तो आरक्षण व्यवस्था को लागू रखना पड़ेगा।