Edited By Ramanjot, Updated: 18 Oct, 2024 11:58 AM
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत में अभियुक्त रंजीत कुमार की ओर से एक आवेदन दाखिल कर प्रार्थना की गई थी कि इस अभियुक्त को जेल में रहते हुए तीन महीने की अवधि पूरी हो चुकी है लेकिन सीबीआई ने उसके खिलाफ आरोप पत्र नहीं दाखिल किया है...
पटना: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2024 के प्रश्न पत्र लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की बिहार में पटना स्थित विशेष अदालत ने इस मामले के जेल में बंद एक अभियुक्त को जमानत पर मुक्त कर दिया।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत में अभियुक्त रंजीत कुमार की ओर से एक आवेदन दाखिल कर प्रार्थना की गई थी कि इस अभियुक्त को जेल में रहते हुए तीन महीने की अवधि पूरी हो चुकी है लेकिन सीबीआई ने उसके खिलाफ आरोप पत्र नहीं दाखिल किया है इसलिए दंड प्रक्रिया की धारा 167( 2) का लाभ देते हुए उसे जमानत पर मुक्त किया जाए। आवेदन पर सुनवाई के बाद अदालत ने अभियुक्त को जमानत पर मुक्त किए जाने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि 05 मई 2024 को पूरे देश में नीट 2024 की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के दौरान गड़बड़ी करने के आरोप में पटना के शास्त्रीनगर थाना प्रभारी अमर कुमार ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और शास्त्रीनगर थाना कांड संख्या 358/2024 के रूप में एक प्राथमिकी दर्ज की। बाद में मामला आर्थिक अपराध ईकाई को सौंप दिया गया। उसके बाद प्रश्न पत्र लीक होने का मामला उजागर हुआ और केंद्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई 23 जून 2024 को अपनी प्राथमिकी आरसी 224/2024 के रूप में दर्ज करने के बाद अनुसंधान कर रही है। अदालत में यह मामला आरसी 6ई/2024 के रूप में दर्ज है। इस मामले में अभी तक 49 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई ने इस मामले में 01 जुलाई 2024 को 13 अभियुक्तों के खिलाफ मूल आरोप पत्र दाखिल किया था। उसके बाद छह अभियुक्तों के खिलाफ 19 सितंबर 2024 को पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था और उसके बाद फिर 07 अक्टूबर 2024 को दूसरा पूरक आरोप पत्र जेल में बंद 21 अभियुक्तो के खिलाफ दाखिल किया था। इस प्रकार अब तक इस मामले में 40 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।
पूर्व में मामला सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में लंबित था। मामले में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पाए जाने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं जोड़ी गई, जिसके बाद मामले का अभिलेख सीबीआई की विशेष अदालत संख्या दो के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां मामले की सुनवाई लंबित है। आरोप पत्र में अनुत्तप्रेषित दिखाए गए तीन अभियुक्तों की जमानत पूर्व में हो चुकी है। बाकी बचे छह अभियुक्तों के खिलाफ अनुसंधान अभी जारी है, जिनमें से एक की जमानत हुई है। इस प्रकार इस मामले में जमानत पर मुक्त होने वाले अभियुक्तों की संख्या चार हो गई है।