Edited By Ramanjot, Updated: 09 May, 2023 04:19 PM

पटनायक ने कहा, ‘‘हमने पुरी में भूमि पर चर्चा की और घोषणा की कि ओडिशा सरकार ने बिहार सरकार को ‘बिहार भवन' बनाने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन मुफ्त में दी है ताकि तीर्थयात्री और बिहार के लोग श्री जगन्नाथ की यात्रा के दौरान रुक सकें। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने...
भुवनेश्वर/पटनाः ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए मंगलवार को स्पष्ट किया कि यहां उनकी बैठक के दौरान किसी गठबंधन या महागठबंधन पर कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। अच्छे दोस्त होने के नाते नवीन पटनायक और नीतीश कुमार दोनों ने मंगलवार को नवीन निवास में दोपहर के भोजन पर दोस्ताना चर्चा की। पत्रकारों के प्रश्न के उत्तर में दोनों मुख्यमंत्रियों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने राजनीतिक स्थिति या गठबंधन पर चर्चा नहीं की।
"नीतीश जी से मिलकर बहुत खुश हुए"
पटनायक ने कहा, ‘‘हमने पुरी में भूमि पर चर्चा की और घोषणा की कि ओडिशा सरकार ने बिहार सरकार को ‘बिहार भवन' बनाने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन मुफ्त में दी है ताकि तीर्थयात्री और बिहार के लोग श्री जगन्नाथ की यात्रा के दौरान रुक सकें। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह नीतीश जी से मिलकर बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा कि हम दोनों के बहुत अच्छे संबंध हैं और वे वाजपेयी सरकार में सहयोगी थे। पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि उनके बीजू बाबू से बहुत अच्छे संबंध हैं और वह अक्सर ओडिशा आते रहते थे। नीतीश ने हालांकि, कहा कि वह पिछले दो वर्षों के दौरान कोविड महामारी के कारण ओडिशा का दौरा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि नवीन जी के साथ उनके संबंध इतने मजबूत हैं कि उनसे किसी भी राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है।
अब पवार और ठाकरे से मिल सकते हैं नीतीश
नीतीश कुमार से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने नई दिल्ली में सभी गैर-भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक दलों की प्रस्तावित बैठक में महागठबंधन पर चर्चा करने के लिए पटनायक को आमंत्रित किया है, तो वह भी टाल गए। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश के 11 मई को राकांपा प्रमुख शरद पवार और शिवसेना-यूबीटी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित महा विकास अघाड़ी के नेताओं से मिलने के लिए मुंबई जाने की भी संभावना है। पटनायक, जो भाजपा और कांग्रेस पार्टी दोनों से समान दूरी बनाए हुए हैं, ने भी 23 मार्च को अपने पश्चिम बंगाल के समकक्ष ममता बनर्जी के साथ चर्चा की, जब बाद में पुरी का दौरा किया और नवीन निवास में उनसे मुलाकात की। पटनायक ने तब यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने बनर्जी के साथ राजनीतिक स्थिति पर चर्चा नहीं की और कहा कि उन्होंने देश में संघीय ढांचे को मजबूत करने तथा लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर चर्चा की।