Edited By Ramanjot, Updated: 22 Oct, 2022 11:49 AM

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वर्ष 2005 में जब हमलोगों को मौका मिला तो हमने कहा कि ओबीसी में सिर्फ ईबीसी को आरक्षण देंगे। सभी दल के लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद यह काम हुआ है। अतिपिछड़ा वर्ग के लिए तो यह वर्ष 2006 में ही जब पहली बार पंचायत का चुनाव हुआ...
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर मचे घमासान के बीच शुक्रवार को कहा कि अतिपिछड़ा वर्ग का आरक्षण रहना चाहिए।
नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बिहार केसरी स्व. डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों के नगर निकाय चुनाव में आरक्षण से संबंधित पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि अतिपिछड़ा वर्ग का आरक्षण रहना चाहिए, वह जरूरी है। आयोग बन गया है, वो सभी चीजें देखेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 1978 में देश में सबसे पहले बिहार में ही जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और ईबीसी दोनों वर्ग को आरक्षण दिया था। उनके समय का यह काम किया हुआ है। बाद में वर्ष 2000 में तत्कालीन सरकार ने ओबीसी को आरक्षण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वर्ष 2005 में जब हमलोगों को मौका मिला तो हमने कहा कि ओबीसी में सिर्फ ईबीसी को आरक्षण देंगे। सभी दल के लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद यह काम हुआ है। अतिपिछड़ा वर्ग के लिए तो यह वर्ष 2006 में ही जब पहली बार पंचायत का चुनाव हुआ तब किया गया था और वर्ष 2007 में नगर निकायों के लिए भी उसी प्रकार का कानून बनाकर आरक्षण दिया गया। बहुत लोगों ने इसे अदालत में चुनौती दी थी लेकिन उच्च न्यायालय ने तो बिल्कुल सरकार का जो निर्णय था, उसको सही कहा और उच्चतम न्यायालय का भी फैसला आया कि ठीक है। यहां तो चार बार पंचायत का चुनाव इसी तरीके से हुआ और तीन बार नगर निकाय का भी चुनाव हो चुका है।''