Edited By Swati Sharma, Updated: 28 Apr, 2023 01:40 PM

सत्येंद्र यादव ने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई से महागठबंधन को कोई फायदा नहीं मिलेगा। जब कानून में संशोधन करके आनंद मोहन की रिहाई हो सकती है तो अब सरकार टांडा बंदियों और शराबबंदी कानून में बंद लोगों को रिहा करे। उन्होंने कहा कि सामंती मानसिकता वाले...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई पर सियासत तेज है। वहीं अब महागठबंधन में भी विरोध शुरू हो गया है। महागठबंधन की सहयोगी पार्टी भाकपा माले के विधायक सत्येंद्र यादव ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन के मामले में सरकार ने जल्दबाजी दिखाई है, जो बिल्कुल गलत है।
"सामंती मानसिकता वाले अपराधियों को रिहा करना गलत"
सत्येंद्र यादव ने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई से महागठबंधन को कोई फायदा नहीं मिलेगा। जब कानून में संशोधन करके आनंद मोहन की रिहाई हो सकती है तो अब सरकार टांडा बंदियों और शराबबंदी कानून में बंद लोगों को रिहा करे। उन्होंने कहा कि सामंती मानसिकता वाले अपराधियों को रिहा करना गलत है। सरकार की ये दोगली नीति नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि हम सरकार के सहयोगी है, लेकिन गलत फैसले का विरोध करते रहेंगे। आनंद मोहन के मामले में सरकार ने जल्दबाजी दिखाई है जो बिल्कुल गलत है।
आनंद मोहन की रिहाई के बाद नीतीश सरकार की हो रही आलोचना
बता दें कि बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन बीते गुरुवार जेल से रिहा हो गए है। इससे पहले वह अपने बेटे की सगाई के लिए 15 दिन की पैरोल पर बाहर आए थे। 26 अप्रैल को उन्होंने पैरोल खत्म होने के बाद सरेंडर किया और पैरोल सरेंडर होते ही जेल में रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजा हुई थी। बिहार की नीतीश सरकार ने कारा अधिनियम में बदलाव करके आनंद मोहन समेत 26 दुर्तांत अपराधियों को जेल से रिहा किया। इस कदम के बाद नीतीश सरकार की जमकर आलोचना हो रही है।