Edited By Ramanjot, Updated: 07 Nov, 2022 10:09 AM

भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने रविवार जारी बयान में गोपालगंज एवं मोकामा सीट पर संपन्न उपचुनाव के घोषित परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गोपालगंज में भाजपा अपने आधार वोट को एकजुट रखकर विजयी रही। उधर, मोकामा में पार्टी...
पटनाः बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि उपचुनावों के परिणाम से साफ है कि बिहार में जनता ने सात दलों की महागठबंधन सरकार को नकार दिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना आधार वोट भी नहीं बचा पाए।
अनंत सिंह की पत्नी को कड़ी टक्कर देना बड़ी बात: मोदी
भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने रविवार जारी बयान में गोपालगंज एवं मोकामा सीट पर संपन्न उपचुनाव के घोषित परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गोपालगंज में भाजपा अपने आधार वोट को एकजुट रखकर विजयी रही। उधर, मोकामा में पार्टी का 63 हजार से ज्यादा वोट पाना और आतंक के पर्याय छोटे सरकार (अनंत सिंह) की पत्नी (राजद प्रत्याशी) को कड़ी टक्कर देना बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि मोकामा की जीत महागठबंधन की नहीं बल्कि छोटे सरकार की जीत है।
सुशील मोदी ने कहा कि छोटे सरकार पार्टी बदल-बदल कर जीतते रहे लेकिन इस बार उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और महागठबंधन के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के हेलीकॉप्टर उतारने के बाद भी उनके प्रत्याशी की जीत का अंतर आधा हो गया। उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से फिर हाथ मिलाने के कारण नीतीश कुमार का लव-कुश और अतिपिछड़ा वोट खिसक कर भाजपा के साथ आ गया। वे वोट ट्रांसफर करने की क्षमता खो चुके हैं।
अब BJP बनाम RJD हो चुकी बिहार की राजनीतिः संजय
बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि भाजपा बनाम आठ पाटिर्यों के इस दंगल को कई विशेषज्ञों ने एकतरफा मान लिया था, कई चुनावी पंडितों ने दोनों सीटों पर भाजपा की करारी शिकस्त की भविष्यवाणी तक कर दी थी लेकिन सारे कयासों पर पानी फेरते हुए हम न केवल गोपालगंज की सीट बचाने में सफल हुए बल्कि मोकामा में भी कड़ी टक्कर देने में कामयाब हुए। इन दोनों चुनावों ने साफ कर दिया है कि अब बिहार की राजनीति भाजपा बनाम राजद हो चुकी है यानी केंद्र की तरह यहां भी अब राष्ट्रवाद बनाम परिवारवाद आमने-सामने आ चुका है। वहीं, अवसरवाद की राजनीति करने वाले जदयू जैसे दल किनारे पर धकेले जा कर हमेशा की तरह बैसाखी पर लटके हुए हैं।