Edited By Harman, Updated: 18 Oct, 2024 01:40 PM
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने जहरीली शराब हत्याकांड को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी का दिखावा भर हो रहा है। शराबबंदी के नाम पर यहां सिर्फ शराब की दुकानें बंद हैं। साथ ही जन सुराज के संस्थापक ने कहा कि बिहार में शराब...
पटना: सिवान और सारण में कथित तौर पर जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार सरकार द्वारा लगभग आठ साल पहले शराब की बिक्री और सेवन पर लगाए गए प्रतिबंध की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए। इसी क्रम में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने जहरीली शराब हत्याकांड को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी का दिखावा भर हो रहा है। शराबबंदी के नाम पर यहां सिर्फ शराब की दुकानें बंद हैं।
"शराबबंदी के नाम पर यहां सिर्फ शराब की दुकानें बंद हैं"
प्रशांत किशोर ने कहा कि वह पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो पिछले दो साल से कह रहे हैं कि बिहार में कोई शराबबंदी नहीं है। शराबबंदी के नाम पर यहां सिर्फ शराब की दुकानें बंद हैं। घर-घर में शराब बिक रही है। इससे बिहार और समाज के हर तबके को परेशानी हो रही है। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि शराबबंदी से बिहार के भ्रष्ट अधिकारियों, नेताओं और शराब माफियाओं को फायदा हुआ है। शराबबंदी को लेकर कोई कानून का प्रावधान नहीं है, लोग अपने घरों में शराब बना रहे हैं और पी रहे हैं। इससे सरकार को 20 हजार करोड़ रुपये का अलग नुकसान है। इसलिए जन सुराज शराबबंदी को हटाने के लिए कह रहा है। साथ ही जन सुराज के संस्थापक ने कहा कि बिहार में शराब पीकर मरने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी छपरा में जहरीली शराब पीने से 70 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
बता दें कि जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद अब पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड में है। पुलिस द्वारा ड्रोन कैमरे की मदद से शराब की भट्टियों की पहचान कर उन्हें ध्वस्त किया जा रहा है। पुलिस ने जहरीली शराब हत्याकांड के बाद अब जगह-जगह पर छापेमारी कर शराब को नष्ट कर रही है।