बिहार के लोग स्वरोजगार को बढ़ावा देकर लगा रहे उद्योग, पटना में श्रीजा फूड्स ने शुरू की मखाना प्रोसेसिंग यूनिट

Edited By Nitika, Updated: 17 Jul, 2023 01:06 PM

shreeja foods started makhana processing unit in patna

अक्सर बिहार के लोग रोज़गार के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहते हैं लेकिन अब जमाना बदल रहा है। अब बिहार के लोग स्वरोजगार को अपनाकर अपने प्रदेश में ही उद्योग लगा रहे हैं, जिससे यहां के लोगों को रोज़गार भी मिल रहा है और बिहार की आर्थिक स्थिति भी बदल रही...

पटना: अक्सर बिहार के लोग रोज़गार के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहते हैं लेकिन अब जमाना बदल रहा है। अब बिहार के लोग स्वरोजगार को अपनाकर अपने प्रदेश में ही उद्योग लगा रहे हैं, जिससे यहां के लोगों को रोज़गार भी मिल रहा है और बिहार की आर्थिक स्थिति भी बदल रही है।

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बिहार में एग्रो बेस इंडस्ट्रीज की काफी संभावनाएं है। बिहार के कई फ़सल ऐसे हैं, जिसकी डिमांड देश के साथ ही विदेशों तक में है। उन्हीं फसलों में एक है मखाना। इसी को देखते हुए पटना के जकरियापुर में श्रीजा फूड्स एंड स्पाइसेज प्राइवेट लिमिटेड के मखाना प्रोसेसिंग और फ्लेवरिंग संयंत्र का शुभ उद्घाटन श्रीजा ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष कृष्ण मुरारी प्रसाद के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। इस मौके पर उपस्थित कंपनी के निदेशक पारुल राज और सौरभ कृष्ण ने बताया कि श्रीजा फूड्स अपने ग्राहकों को अच्छा और गुणवत्तापूर्ण सामान उचित दर पर उपलब्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नियमित मखाने का सेवन अनेक बिमारियों से बचाता है और बेहतर स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है।

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वहीं कंपनी फूल मखाना के अलावा अपने विभिन्न मखाना उत्पादों को बाजार में जल्द ही उतारने की तैयारी में है। कंपनी वर्तमान में मखाना, ड्राई फ्रूट्स और साबुत मसालों के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है और जल्द ही अपने विभिन्न किराना उत्पाद लॉन्च करेगी। इस मौके पर कंपनी के सीएमओ नीरज वर्मा, कंपनी के कर्मचारी एवं समाज के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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गौरतलब है कि देश में लगभग 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मखाने की खेती होती है, जिसमें 80 से 90 फीसदी उत्पादन अकेले बिहार में होता है। इसके उत्पादन में 70 फीसदी हिस्सा सिर्फ मिथिलांचल का है। लगभग 120,000 टन बीज मखाने का उत्पादन होता है, जिससे 40,000 टन मखाने का लावा प्राप्त होता है। देश में मखाने का कुल कारोबार 550 करोड़ रुपए का है। अगर बिहार में मखाना उद्योग को बढ़ावा दिया जाए तो राज्य के इकॉनमी में उसका योगदान सराहनीय होगा। बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की काफी संभावनाएं हैं। यहां मखाना के क्षेत्र में नए-नए उद्योग लगे हैं। सरकार मखाना इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने मखाना को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च सेंटर की भी स्थापना की है।

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