Edited By Khushi, Updated: 23 Feb, 2023 05:44 PM

बिहार के जाने- माने हृदय रोग विशेषज्ञ एवं उत्तर बिहार के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में शुमार दरभंगा मेडिकल कॉलेज के इंटरनल मेडिसिन विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रोफेसर डॉ0 ए0 के0 गुप्ता ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को उद्देश्य अथवा लक्ष्य तक पहुंचाने में...
दरभंगा: बिहार के जाने- माने हृदय रोग विशेषज्ञ एवं उत्तर बिहार के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में शुमार दरभंगा मेडिकल कॉलेज के इंटरनल मेडिसिन विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रोफेसर डॉ0 ए0 के0 गुप्ता ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को उद्देश्य अथवा लक्ष्य तक पहुंचाने में एकाग्रता की अहम भूमिका है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 98 वां स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्रेक्षागृह में आयोजित ‘एकाग्रता की शक्ति को कैसे विकसित करें' विषय पर व्याख्यान को संबोधित करते हुए डॉ0 ए0 के0 गुप्ता ने एकाग्रता के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
"छात्रों को जीवन में सफल होने के लिए एकाग्रता की है जरूरत"
उन्होंने कहा कि केवल छात्रों को ही जीवन में सफल होने के लिए एकाग्रता की जरूरत है। वास्तव में ऐसा नहीं है। छात्रों के अलावा प्राय: हर पेशे के लोगों चाहे वे डॉक्टर हो, इंजीनियर हो, वकील हो, वैज्ञानिक हो या ड्राइवर हों, सभी को इसकी आवश्यकता है। उन्हें उनके उद्देश्य अथवा लक्ष्य तक पहुंचाने में एकाग्रता की अहम भूमिका है। वास्तव में देखा जाए तो दुनिया में जितने भी महत्वपूर्ण अनुसंधान हुए हैं उन सब के पीछे वैज्ञानिकों की एकाग्रता ही मुख्य कारण रही है। डॉ0 गुप्ता ने कहा कि जीवन में सफलता और असफलता एकाग्रता का ही परिणाम है। जो व्यक्ति जीवन में जितना एकाग्र होता है उसे सफलता उतनी ही ज्यादा मिलती हैं। अपेक्षाकृत कम एकाग्रता वाले लोगों को जीवन में वांछित सफलता नहीं मिल पाती हैं। हमारे जीवन में जिस ढंग से भोजन और ऑक्सीजन की जरूरत होती है ठीक उसी तरह एकाग्रता को विकसित करना भी उतना ही जरूरी होता है। व्यक्ति के अंदर किसी वस्तु, विषय या विचार पर केंद्रित करने की क्षमता को ही एकाग्रता कहते हैं।
"एक समय में एक ही काम को करना श्रेयस्कर है"
उन्होंने कहा कि एकाग्रता विकसित करने में आज के समय में सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग सबसे ज्यादा बाधक है। इसके अलावा एक साथ कई काम करने की प्रवृत्ति भी एकाग्रता के लिए चुनौती है। आज के सामाजिक परिवेश में व्यक्ति एक ही साथ टीवी भी देखता है, खाना भी खाता है और कभी-कभी पढ़ाई भी करता रहता है। यह सही नहीं है। ऐसे में एकाग्रता प्राप्त करना संभव नहीं है। इसलिए एक समय में एक ही काम को करना श्रेयस्कर है। इसके अलावा अल्कोहल का इस्तेमाल और वांछित से कम नींद भी एकाग्रता स्थापित करने में बाधक है। ऐसे में निष्कर्ष के तौर पर हम कह सकते हैं कि जीवन में तीन चीजें - सोशल मीडिया, अल्कोहल और बिखराव युक्त जीवन शैली एकाग्रता विकसित करने के रास्ते में सबसे बड़ी बाधक हैं।