... तो इसलिए मृत बंदर का हिंदू रीति-रिवाज से किया गया अंतिम संस्कार, ग्रामीणों की आंखें हुई नम

Edited By Swati Sharma, Updated: 30 Sep, 2022 01:57 PM

the last rites of the dead monkey were performed according to hindu customs

मामला खगड़िया जिले के सदर प्रखंड के उत्तर माड़र पंचायत के बलौर गांव का है। बताया जा रहा है कि बंदर बलौर गांव में बीते एक महीने से रह रहा था। ग्रामीण बंदर को खाना-पीना देते थे। इसके कारण वह गांव में रहता था। लोग भी बंदर को हनुमान का अवतार मानते थे।...

खगड़िया: बिहार के खगड़िया जिले में समाजसेवी और वन्यजीव प्रेमियों ने एक अनोखी मिसाल दी है, जहां पर समाजसेवी और वन्यजीव प्रेमियों ने करंट लगने से मृत बंदर का हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया। ऐसा कर ग्रामीणों ने मानवता की शानदार मिसाल पेश की हैं।

बंदर को हनुमान का अवतार मानते थे ग्रामीण
दरअसल, मामला खगड़िया जिले के सदर प्रखंड के उत्तर माड़र पंचायत के बलौर गांव का है। बताया जा रहा है कि बंदर बलौर गांव में बीते एक महीने से रह रहा था। ग्रामीण बंदर को खाना-पीना देते थे। इसके कारण वह गांव में रहता था। लोग भी बंदर को हनुमान का अवतार मानते थे। गुरुवार को बंदर की करंट लगने से मौत हो गई। गांव वालों को जब बंदर की मौत की जानकारी मिली तो गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। ग्रामीणों ने बंदर का हिंदू रीति- रिवाज से अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया। इसके बाद गांव के लोगों ने चंदा मांग कर अंतिम संस्कार का सामान इकट्ठा किया। देर शाम हिंदू रीति रिवाज के साथ बंदर का मुंगेर गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम यात्रा से पूर्व लोगों की आंखें हुई नम
वहीं अंतिम यात्रा निकलने से पूर्व गांव में लोगों की आंखें नम थीं। ग्रामीणों ने बताया कि मृत बंदर का हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गांव वाले 3वीं या 6वीं किसी एक दिन पर मुंडन करवाएंगे। जिस दिन मुंडन करवाया जाएगा उस दिन भोजन का भी आयोजन किया गया है। बता दें कि गांव वालों ने बंदर की आत्मा को शांति मिलें इसलिए यज्ञ का भी व्यवस्था की गई है।

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