Edited By Swati Sharma, Updated: 20 May, 2023 11:54 AM

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2000 के नोट की छपाई 2018 से ही बंद थी और बाजार में कहीं प्रचलन में नहीं था। उन्होंने कहा कि हालांकि इसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग तथा काला धन के रूप में अवश्य हो रहा था। यदि अमेरिका सहित दुनिया की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्था में...
पटना: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की घोषणा किए जाने के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह नोटबंदी नहीं बल्कि नोटबदली है। यह काले धन पर दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक है।

"2000 के नोट की छपाई 2018 से ही बंद थी"
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2000 के नोट की छपाई 2018 से ही बंद थी और बाजार में कहीं प्रचलन में नहीं था। उन्होंने कहा कि हालांकि इसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग तथा काला धन के रूप में अवश्य हो रहा था। यदि अमेरिका सहित दुनिया की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्था में 100 डॉलर से बड़ी मुद्रा नहीं है तो फिर भारत में 2000 रुपये की क्या आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस निर्णय से आम आदमी को कोई परेशानी नहीं होगी। क्योंकि उनके पास 2000 रुपये नोट नहीं है। इस निर्णय से देश की अर्थव्यवस्था और भी मजबूत होगी। यह नोटबंदी नहीं बल्कि नोटबदली है।

सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर होंगे 2,000 के नोट
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की। हालांकि इस मूल्य के नोट को बैंकों में 23 मई से जमा या बदला जा सकता है। आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे। इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा है। आरबीआई ने बैंकों से 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है। बैंकों में जाकर 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले एवं जमा किए जा सकेंगे।