Edited By Ramanjot, Updated: 02 Dec, 2023 09:46 AM

दोषियों के नाम उदित नारायण सिंह उर्फ तुलसी उर्फ तूफान, अखिलेश सिंह उर्फ मनोज सिंह और अर्जुनजी उर्फ मणि यादव हैं। एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि विशेष अदालत ने उन्हें वर्ष 2012 में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) द्वारा आतंकवादी हमलों में उपयोग के लिए...
नई दिल्ली/पटनाः पटना की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को बिहार के औरंगाबाद इलाके में एक दशक से अधिक पहले हथियार और गोला-बारूद की जब्ती के मामले में माओवादी संगठन के तीन लोगों को दोषी ठहराया। यहां राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने यह जानकारी दी। अदालत तीनों दोषियों को चार दिसंबर को सजा सुनाएगी।
दोषियों के नाम उदित नारायण सिंह उर्फ तुलसी उर्फ तूफान, अखिलेश सिंह उर्फ मनोज सिंह और अर्जुनजी उर्फ मणि यादव हैं। एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि विशेष अदालत ने उन्हें वर्ष 2012 में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) द्वारा आतंकवादी हमलों में उपयोग के लिए इंप्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) और बम बनाने के मकसद से निषिद्ध और गैर-निषिद्ध हथियारों और गोला-बारूद के साथ-साथ रसायन रखने का दोषी पाया। अधिकारियों ने कहा कि तीनों दोषी सीपीआई (माओवादी) के सक्रिय सदस्य रहे हैं और तीनों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ‘लेवी' के रूप में एकत्र की गई नकदी को रखने का भी दोषी पाया गया।
औरंगाबाद पुलिस ने 26 मार्च, 2012 को यह मामला दर्ज किया था। इसके एक दिन पहले पुलिस ने तीनों के घरों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने प्रतिबंधित हथियार, मैगजीन, ग्रेनेड, रसायनिक पदार्थ, वाहन(बोलेरो), मोबाइल, 3.34 लाख रुपए नकद, माओवादी साहित्य, बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान ही तीनों को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने 19 मार्च, 2013 को यह मामला अपने हाथ में ले लिया था।