Edited By Swati Sharma, Updated: 25 Dec, 2024 02:13 PM
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की चिंताओं के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत की गलतफहमियों को दूर किया है। कांग्रेस को दिए गए अपने विस्तृत जवाब में भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि शाम 5 बजे के मतदान के आंकड़ों की तुलना अंतिम...
पटना: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की चिंताओं के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत की गलतफहमियों को दूर किया है। कांग्रेस को दिए गए अपने विस्तृत जवाब में भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि शाम 5 बजे के मतदान के आंकड़ों की तुलना अंतिम मतदान (End of Poll) के आंकड़ों से करना गलत है। शाम 5 बजे से रात 11:45 बजे तक मतदान प्रतिशत में वृद्धि समायोजन की प्रक्रिया होने के कारण सामान्य है। भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट रूप से पुष्टि की है कि वास्तविक मतदान प्रतिशत को बदलना असंभव है क्योंकि मतदान केंद्र पर मतदान प्रक्रिया बंद होने के समय राजनैतिक उम्मीदवारों के अधिकृत “पोलिंग एजेंट” के पास मतदान प्रतिशत का विवरण देने वाला फॉर्म 17C उपलब्ध होता है।
भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत जारी करने की पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी दी। साथ ही विस्तृत नोट एवम् FAQs की सूची जारी की। आयोग ने हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा आम चुनाव 2024 में कांग्रेस की शिकायतों का जवाब देते हुए मतदाता सूची तैयार करने और मतदान प्रतिशत के आंकड़ों की चरण-दर-चरण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि वीटीआर ऐप (VTR App) मतदान के दिन नियमित अंतराल पर मतदान प्रतिशत को अपडेट करने के लिए एक सुविधाजनक उपाय मात्र है। इसके विपरीत फॉर्म 17 C ही किसी भी मतदान केंद्र पर डाले गए कुल मतों का अपरिवर्तनीय और एकमात्र वैधानिक स्रोत है। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदान प्रक्रिया समाप्त होने पर फॉर्म 17 C उम्मीदवारों/पोलिंग एजेंट को उपलब्ध करा दिया जाता है।
महाराष्ट्र में मनमाने ढंग से कोई नाम जोड़े या हटाए नहीं गए
आयोग ने ठोस तथ्यों के साथ बताया कि कांग्रेस द्वारा जुलाई से नवंबर 2024 के बीच 50 विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 50,000 मतदाताओं को जोड़े जाने की शिकायत की गयी , जिसमें 50 में से 47 विधानसभा क्षेत्र महायुति ने जीते हैं। यह शिकायत तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। तथ्य यह है कि इस अवधि के दौरान केवल 6 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 50,000 से अधिक बढ़ी। इसलिए इस आधार पर 47 विधानसभा क्षेत्रों में जीतने का सवाल ही नहीं उठता। आयोग द्वारा स्पष्ट किया गया कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने एवं हटाने की प्रक्रिया के प्रत्येक स्तर पर राजनैतिक प्रतिनिधियों की भागीदारी पारदर्शी रूप से सुनिश्चित की जाती है।
आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने में पारदर्शिता और नियम-आधारित प्रक्रिया पर दिया जोर
भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने में पारदर्शिता और नियम-आधारित प्रक्रिया पर जोर दिया है, जिसमें हर कदम पर सभी राजनीतिक दलों को शामिल किया गया है। मतदाता सूची तैयार करने में विसंगतियों के बारे में कांग्रेस की चिताओं पर आयोग ने बताया कि निर्वाचक सूची से सम्बंधित प्रक्रियाओं में सभी हितधारकों यथा राजनीतिक दलों और मतदाताओं की सहभागिता सुनिश्चित की जाती है। मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाने और जोड़ने का कार्य पर्याप्त जांच, नियमानुसार तथा पारदर्शिता से किया जाता है। महाराष्ट्र में मतदाता सूची से नाम हटाने में कोई अनियमित पैटर्न नहीं है। कांग्रेस प्रतिनिधियों की भागीदारी सहित उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है। आयोग ने कांग्रेस को दिए अपने जवाब में बताया कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में कोई बड़ी संख्या में नाम हटाने या असामान्य तरीके से नाम हटाने का कोई पैटर्न नहीं देखा गया। कांग्रेस प्रतिनिधियों की भागीदारी सहित उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद मृत्यु/स्थानांतरण और दोहरी प्रविष्टियों के कारण प्रति विधानसभा क्षेत्र औसतन 2779 मतदाताओं का नाम हटाया गया।
मतदाता सूची से लेकर मतदान तक हर स्तर पर राजनीतिक दलों की भागीदारी
आयोग ने पूरी निर्वाचन प्रक्रिया में राजनीतिक दलों/ उम्मीदवारों की सक्रिय भागीदारी के लगभग 60 उदाहरण सूचीबद्ध किए हैं। आयोग ने दोहराया कि राजनीतिक दल प्रमुख हितधारक होने के नाते मतदाता सूची से लेकर मतदान तक चुनाव प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में शामिल होते हैं। राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों की सार्थक भागीदारी भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया के प्रमुख स्तंभ हैं। चुनाव आयोग ने कांग्रेस को सूचित किया कि पार्टी द्वारा मांगे गए महाराष्ट्र के प्रत्येक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं से संबंधित सभी डेटा और फॉर्म 20 मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी , महाराष्ट्र की वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे डाउनलोड किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने निर्वाचन सम्बंधी सभी प्रक्रियाओं में सहभागितापूर्ण और पारदर्शी सहयोग का आश्वासन दिया। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के साथ सहयोग के महत्व को रेखांकित किया और रचनात्मक सुझावों का स्वागत किया।