मानव तस्करी के शिकार झारखंड के 12 लोगों को दिल्ली से कराया गया मुक्त

Edited By Diksha kanojia, Updated: 13 Aug, 2022 12:17 PM

12 people of jharkhand who were victims of human trafficking

इसमें बताया गया है कि मुक्त करायी गयी सभी बच्चियां पश्चिमी सिंहभूम जिले की हैं। इन बच्चियों में एक डेढ़ वर्ष की बच्ची है। नई दिल्ली के एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र की नोडल ऑफिसर नचिकेता ने बताया कि अनु (बदला हुआ नाम) की मां को दिल्ली लाया गया था

 

रांचीः मानव तस्करी की शिकार झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले की 10 बच्चियों एवं एक महिला तथा सिमडेगा जिले के एक बालक को दिल्ली से मुक्त कराया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर मानव तस्करी के शिकार सभी लोगों को दिल्ली से मुक्त कराया गया है।

इसमें बताया गया है कि मुक्त करायी गयी सभी बच्चियां पश्चिमी सिंहभूम जिले की हैं। इन बच्चियों में एक डेढ़ वर्ष की बच्ची है। नई दिल्ली के एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र की नोडल ऑफिसर नचिकेता ने बताया कि अनु (बदला हुआ नाम) की मां को दिल्ली लाया गया था और तब वह गर्भवती थी। नचिकेता के अनुसार वैसी अवस्था में अनु मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गई थी और उसने दिल्ली में एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन वह अपने बच्चे को पहचान भी नहीं पा रही थी। नचिकेता के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने महिला को शॉर्ट स्टे होम में एवं बच्ची को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया, अनु ने इलाज के लगभग एक वर्ष बाद अपनी बच्ची से मिलने की इच्छा व्यक्त की। उनके अनुसार पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन के सहयोग से बच्ची को उसकी मां से मिलवाया गया एवं एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र की टीम के साथ मां और उसकी बच्ची को झारखंड भेजा जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मुक्त कराए गए बच्चों में एक बच्ची मात्र आठ वर्ष की है और उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। उनके अनुसार उसके चार भाई-बहनों में दो भाई -बहनों का कुछ भी पता नहीं है जबकि उसका एक भाई अपने चाचा के साथ रहता है, इस बच्ची को दिल्ली में लगभग एक वर्ष पूर्व मानव तस्कर द्वारा बेच दिया गया था। उन्होंने बताया कि इन बच्चों में सुनीता एवं रेखा दोनों (बदला हुआ नाम) को मानव तस्करों के चंगुल से दूसरी बार छुड़ाया गया। मानव तस्कर द्वारा भेजी गई बच्चियों के साथ शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का शोषण किया गया है। कई बच्चियों पर शारीरिक शोषण किए जाने के संबंध में दिल्ली में मामले भी दर्ज हैं।

पश्चिम सिंहभूम जिले की जिला समाज कल्याण अधिकारी अनीशा कुजूर एवं जिला बाल संरक्षण के शरद कुमार गुप्ता की टीम की पहल पर दिल्ली में मुक्त की गई उनके जिले की 10 बच्चियों एवं एक महिला तथा एक बालक को दिल्ली से रांची रवाना किया गया। सभी को ट्रेन से वापस रांची होकर पश्चिमी सिंहभूम ले जाया जा रहा है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इन बच्चियों को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि बच्चियां पुनः मानव तस्करी का शिकार न बनने पाए।

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