Edited By Diksha kanojia, Updated: 19 Feb, 2022 09:54 AM

डॉ. विश्वास ने शुक्रवार को गव्य विकास निदेशालय द्वारा प्रशिक्षण एवं प्रसार केंद्र, धुर्वा में आयोजित कामधेनु अमृत कृषि कार्यशाला में कहा कि वहीं, जैविक खेती से उत्पादित फसलों में पौष्टिक तत्वों की उपलब्धता रहती है, जो कुपोषण दूर कर शरीर की रोग...
रांचीः इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के नोडल अधिकारी डॉ.सिद्धार्थ विश्वास ने कहा कि रासायनिक खाद और हाइब्रिड बीज से उत्पादित फसलें शरीर के लिए काफी नुकसानदायक हैं।
डॉ. विश्वास ने शुक्रवार को गव्य विकास निदेशालय द्वारा प्रशिक्षण एवं प्रसार केंद्र, धुर्वा में आयोजित कामधेनु अमृत कृषि कार्यशाला में कहा कि वहीं, जैविक खेती से उत्पादित फसलों में पौष्टिक तत्वों की उपलब्धता रहती है, जो कुपोषण दूर कर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। फसलों की गुणवत्ता बनी रहे, इस हेतु जैविक कृषि, प्राकृतिक कृषि की तकनीक अपनाने की जरूरत है। डॉ.विश्वास ने कहा कि रासायनिक खादों के इस्तेमाल से शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियों की आशंका बनी रहती है। इसलिए हाइब्रिड बीज के बदले देसी बीज का उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद हैं।
गोबर और गोमूत्र द्वारा तैयार किए गए खाद और कीटनाशक की चर्चा करते हुए डॉ.विश्वास ने कहा कि गोबर का वर्मी कंपोस्ट तैयार करने और गोमूत्र का उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जाता है। गोमूत्र मिट्टी में मिलने से कीड़े-मकोड़े समाप्त हो जाते हैं। इसलिए जैविक कृषि में गोबर और गोमूत्र का उपयोग करने से फसलों की पौष्टिकता बनी रहती है। उन्होंने कहा कि गोबर और गोमूत्र की ब्रांडिंग हो, तो जैविक कृषि को इससे बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने राज्य सरकार को भी इस दिशा में ठोस पहल करने की सलाह दी।