राज्यपाल से आरक्षण व स्थानीयता से संबंधित विधेयक केंद्र को भेजने का किया आग्रह: सोरेन

Edited By Nitika, Updated: 21 Dec, 2022 11:51 AM

hemant soren met the governor

झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार की नियोजन नीति को खारिज किए जाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस सिलसिले में विभिन्न राजनीतिक दलों के 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल रमेश बैस से मंगलवार को मुलाकात की।

 

रांचीः झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार की नियोजन नीति को खारिज किए जाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस सिलसिले में विभिन्न राजनीतिक दलों के 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल रमेश बैस से मंगलवार को मुलाकात की। साथ ही उनसे सरकारी नौकरियों में आरक्षण और स्थानीयता की नीति से संबंधित दो विधेयकों को मंजूरी देकर संविधान की नौवीं सूची में शामिल करवाने के लिए केंद्र को भेजने का आग्रह किया।

PunjabKesari

हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा के प्रतिनिधियों को छोड़कर राज्य के सभी राजनीतिक दल- झामुमो, कांग्रेस, वाम दलों के साथ-साथ आजसू के सदस्य भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। सोरेन ने कहा “विधानसभा ने 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति और आरक्षण संबंधी विधेयकों को पारित किया। उनके अनुमोदन के लिए राज्यपाल के पास हम लोग गए थे। इन विधेयकों में यह भी निवेदन था कि इन्हें संविधान की नौंवी अनुसूची में डाला जाए ताकि जिस तरीके से यहां मूलवासी-आदिवासियों के खिलाफ जो साजिश हो रही है, उसे खत्म किया जा सके।” उन्होंने कहा कि विधेयकों को जल्द से जल्द मंजूरी देने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया ताकि केंद्र सरकार के पास जल्द से जल्द इसे संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करने के लिए भेजा जा सके।

झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन एवं सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को राज्य सरकार की नियोजन नीति को असंवैधानिक एवं नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया था। पीठ ने नीति के तहत की गयी सभी नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया था। मुख्यमंत्री ने एक बड़ी बात कही कि उन्हें इस बात का अंदेशा था कि सरकार की नियोजन नीति रद्द हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘नियोजन नीति की शिकायत करने वाले 20 लोगों में से 19 लोग दूसरे राज्य से थे।'' सोरेन ने कहा कि इस राज्य में कुछ ऐसी शक्तियां हैं, जो यहां के मूलवासी-आदिवासियों के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रही हैं।

PunjabKesari

हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘इस नियोजन नीति को लेकर राज्य के 7 लाख से अधिक बच्चों ने आवेदन किया था। आज वे बच्चे काफी निराश और मायूस हैं। हमें उनकी चिंता है।'' उन्होंने कहा, “बड़ा दुर्भाग्य है यहां के नौजवान तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी पाने में भी असफल हो रहे हैं।” इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सस्ती लोकप्रियता के लिए राजनीति कर रही है और सरकार को इसके बजाय कानूनी प्रावधानों के अनुसार कदम उठाना चाहिए। प्रकाश ने कहा कि कानून के मुताबिक उठाए जाने वाले कदमों में भाजपा पूरा सहयोग करेगी।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!