Edited By Khushi, Updated: 29 Dec, 2025 04:39 PM

Jharkhand News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज जमशेदपुर शहर के बाहरी इलाके करनाडीह में दिशोम जाहेर थान प्रांगण में संथाली भाषा की ओलचिकी लिपि के शताब्दी समारोह और 22वें संथाली ‘पारसी महा'...
Jharkhand News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज जमशेदपुर शहर के बाहरी इलाके करनाडीह में दिशोम जाहेर थान प्रांगण में संथाली भाषा की ओलचिकी लिपि के शताब्दी समारोह और 22वें संथाली ‘पारसी महा' (भाषा दिवस) को संबोधित किया।
"समाज की बेहतरी के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है"
इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण की शुरुआत संथाली भाषा में ‘जाहेर आयो' (आदिवासी मातृ देवी) की स्तुति में एक प्रार्थना गीत गाकर की। मुर्मू ने संथाली भाषा में भाषण देते हुए कहा, ‘‘सभी तरह की भाषाएं सीखने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन अपनी मातृभाषा को कभी मत भूलिए। जब आप अपने लोगों से बात करें, तो हमेशा अपनी मातृभाषा में बात करने की कोशिश करें।'' उन्होंने कहा कि ओल चिकी अब डिजिटल मंच पर है और इसका उपयोग भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए किया जाना चाहिए। ओल चिकी को बढ़ावा देने में टाटा स्टील के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के विकास के लिए 24,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। राष्ट्रपति ने संथाली साहित्य के विकास में योगदान देने वाले 12 प्रतिष्ठित संथाली व्यक्तियों को भी सम्मानित किया। इस समारोह में मुख्य अतिथि मुर्मू के अलावा राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तथा झारग्राम (पश्चिम बंगाल) से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद और पद्मश्री से सम्मानित कालीपद सोरेन भी मौजूद रहे।
15वें दीक्षांत समारोह में भी शामिल होंगीं मुर्मू
यह कार्यक्रम पंडित रघुनाथ मुर्मू द्वारा 1925 में शुरू किए गए ओल चिकी आंदोलन के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। उन्होंने ओल चिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की। मुर्मू यहां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के 15वें दीक्षांत समारोह में भी शामिल होंगीं। राष्ट्रपति तीन दिवसीय दौरे पर रविवार रात झारखंड पहुंचीं। वह ‘अंतरराज्यीय जनसंस्कृति समागम समारोह-कार्तिक यात्रा' को संबोधित करने के लिए कल यानी मंगलवार को गुमला जाएंगी।