झारखंड के बूढ़े- बुजुर्ग और विधवाओं को अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना नहीं पड़ता: CM हेमंत

Edited By Khushi, Updated: 12 Apr, 2025 11:33 AM

the elderly and widows of jharkhand do not have to visit the zonal

रांची: मुख्यमंत्री सोरेन ने अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू मुर्मू जयंती के शुभ अवसर पर पवित्र भूमि भोगनाडीह में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने आदिवासी- मूलवासी के हक और अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है।

रांची: मुख्यमंत्री सोरेन ने अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू मुर्मू जयंती के शुभ अवसर पर पवित्र भूमि भोगनाडीह में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने आदिवासी- मूलवासी के हक और अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। सोरेन ने कहा कि वीर शहीदों ने अपने प्राण त्याग कर जल- जंगल- जमीन को बचाने का कार्य किया है। आज हमारी सरकार वीर शहीदों के आश्रितों को चिन्हित कर पूरा मान- सम्मान और अधिकार दे रही है। राज्य के आदिवासी, दलित और पिछड़ों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से मजबूती प्रदान की जा रही है। परन्तु आज भी हमारे सामने कई चुनौतियां हैं जहां आदिवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग दशकों से हाशिये पर रहे हैं। आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, बौद्धिक और राजनीतिक रूप से कमजोर होने की वजह से इन्हें हमेशा नजरअंदाज किया जाता रहा है, लेकिन हमारी सरकार इन्हें प्रत्येक दिशा से मजबूती प्रदान करने के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है।

"हमारी सरकार ‘अबुआ' सरकार है"
मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि अब राज्य के बूढ़े- बुजुर्ग और विधवाओं को अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना नहीं पड़ता है। हेमंत ने कहा कि यह सरकार ‘अबुआ' सरकार है। वर्ष 2019 में सरकार गठन के बाद हमारी सरकार राज्य के गरीब, मजदूर, किसान और पिछड़ों को सशक्त बनाने का निरंतर कार्य कर रही है। राज्य के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जहां राज्य के सरकारी कर्मचारी आपके पंचायत- पंचायत जाकर आपकी समस्याओं के समाधान हेतु आपके द्वार तक पहुंचा है। पूर्व के दिनों में बूढ़े - बुजुर्ग को पेंशन या राशन कार्ड बनवाने हेतु अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था। आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। परंतु आज राज्य के बूढ़े - बुजुर्ग और विधवाओं को अंचल कार्यालय का चक्कर लगाए बिना ससमय पेंशन मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक क्षेत्र में राज्य के गरीब बच्चे उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षा हासिल कर रहे है। किसान, मजदूर एवं गरीब के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में राज्य के 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों को सीबीएसई पैटर्न पर चलाया जा रहा है। उत्कृष्ट विद्यालय में एडमिशन हेतु आज लंबी लाइन लगानी पड़ती है। प्रवेश परीक्षा में हजारों की संख्या में बच्चे शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा हमारी सरकार आज मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ओवरसीज स्कॉलरशिप 2025 के माध्यम से प्रति वर्ष कुल 25 छात्रों को आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है।

मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं आधुनिक बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। सोरेन ने इस अवसर पर 43785.760 लाख रुपए की कुल 507 योजनाओं का उद्घाटन - शिलान्यास किया। इसमें 21399.318 लाख रुपए की 361 योजनाओं का उद्घाटन और 22386.442 लाख रुपए की 147 योजनाओं की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने कुल 314279 लाभुकों के बीच 13092.426 लाख रुपए की परिसंपत्तियां एवं लाभुकों को नियुक्ति पत्र प्रदान की। इस अवसर पर सांसद विजय कुमार हांसदा, विधायक हेमलाल मुर्मू, विधायक कल्पना सोरेन, विधायक मोहम्मद ताजुद्दीन, विधायक धनंजय सोरेन, जिला परिषद अध्यक्ष मोनिका किस्कू, आयुक्त संथाल परगना प्रमंडल लालचंद डाडेल, पुलिस महानिरिक्षक क्रांति कुमार गाडिदेशी और साहिबगंज, पाकुड़ एवं गोड्डा जिले के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे। 

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