Edited By Khushi, Updated: 29 Oct, 2025 06:51 PM

चाईबासा/सरायकेला: झारखंड में आदिवासियों पर कथित लाठीचार्ज के विरोध में बुधवार को भाजपा की ओर से पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों में आहूत 12 घंटे के बंद का खास असर नहीं दिखा।
चाईबासा/सरायकेला: झारखंड में आदिवासियों पर कथित लाठीचार्ज के विरोध में बुधवार को भाजपा की ओर से पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों में आहूत 12 घंटे के बंद का खास असर नहीं दिखा।
2 जिलों में बंद का नहीं दिखा खास असर
अधिकारियों के अनुसार, स्कूल, कार्यालय और व्यावसायिक प्रतिष्ठान सामान्य रूप से खुले रहे तथा वाहनों की आवाजाही भी सामान्य रही। पश्चिम सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित रेनू ने बताया कि भाजपा समर्थकों ने बंद को सफल बनाने के लिए रैलियां निकालने की कोशिश की, लेकिन उनके प्रयासों को नाकाम कर दिया गया। सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक का यह बंद सोमवार रात चाईबासा में विरोध प्रदर्शन के दौरान आदिवासियों पर कथित लाठीचार्ज के विरोध में बुलाया गया था। एसपी रेनू ने कहा, “कुछ लोगों ने बंद के समर्थन में रैली निकालने की कोशिश की, लेकिन प्रयास असफल रहा। यातायात सामान्य है, स्कूल और अन्य संस्थान खुले हैं। जिले में कहीं से भी हिंसा की सूचना नहीं मिली है और किसी की एहतियातन गिरफ्तारी भी नहीं की गई है।”
"बंद समर्थकों ने कहीं भी सड़क जाम या गड़बड़ी नहीं की"
एसपी रेनू ने बताया कि लंबी दूरी की बसें कुछ कम चलीं, लेकिन परिवहन व्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ा। पड़ोसी सरायकेला-खरसावां जिले में भी बंद का असर नगण्य रहा। जिले के एसपी मुकेश कुमार लुनायत ने बताया, “जिले में बंद का कोई खास प्रभाव नहीं देखा गया। स्थानीय यातायात और लंबी दूरी की बसें सामान्य रूप से चलीं। बंद समर्थकों ने कहीं भी सड़क जाम या गड़बड़ी नहीं की।”
गौरतलब है कि चाईबासा में ग्रामीणों ने दिन में भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक (नो एंट्री) की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इसी दौरान झारखंड के परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ के आवास पर ज्ञापन देने पहुंचे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस घटना में कई लोग घायल हो गए और कुछ को गिरफ्तार भी किया गया।