अनोखी परंपरा! आदिवासियों के ‘टुसू पर्व’ पर गर्म सलाखों से दागे जाते हैं मासूम बच्चे, कई की जा चुकी है जान

Edited By Khushi, Updated: 04 Feb, 2023 02:22 PM

unique tradition innocent children are burnt with hot rods

झारखंड के कुछ आदिवासी क्षेत्र में आज भी अनोखी परंपरा मनाई जाती है, जिसमें मासूम बच्चों के पेट को गर्म सलाखों से दाग दिया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से बच्चे पेट संबंधी समस्या से दूर रहते हैं।

रांची: झारखंड के कुछ आदिवासी क्षेत्र में आज भी अनोखी परंपरा मनाई जाती है, जिसमें मासूम बच्चों के पेट को गर्म सलाखों से दाग दिया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से बच्चे पेट संबंधी समस्या से दूर रहते हैं।

बच्चों को गर्म सलाखों से दागा जाता है
दरअसल, जनवरी महीने के मध्य में राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में ‘टुसू पर्व’ मनाया जाता है। पर्व के पहले दिन से गांव-गांव में बच्चों को दागा जाता है। इन दिनों पूरे गांव में बच्चों की रोने की आवाज गूंजती है। बताया जा रहा है कि पर्व के दिन गांव के लोग अपने बच्चों को लेकर नीम, हमीक और ओझा के यहां पहुंचते हैं। बच्चों को जबरन चारपाई पर लिटा दिया जाता है। 2 लोग हाथ-पैर पकड़ लेते हैं। फिर ओझा बच्चे की नाभि पर सरसों का तेल लगाकर गर्म सलाखों से नाभि के चारों ओर एक-एक कर 4 बार दागता है। इस दौरान बच्चा जोर-जोर से रोता है। वहीं, दुधमुंहे बच्चे से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों को इस परंपरा में शामिल किया जाता है।

दागने के कारण कई बच्चों की हो चुकी है मौत 
कहा जाता है कि बच्चों को दागने से उन्हें भविष्य में पेट संबंधी कोई बीमारी नहीं होती है। इतना ही नहीं आदिवासी बच्चों के बीमार होने पर डॉक्टर के पास इलाज के लिए नहीं ले जाते हैं। इलाज की जगह इन्हें गर्म लोहे से दागा जाता है। वहीं, दागने के कारण कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है।

Related Story

Trending Topics

India

199/6

39.0

Australia

269/10

49.0

India need 71 runs to win from 11.0 overs

RR 5.10
img title img title

Everyday news at your fingertips

Try the premium service

Subscribe Now!