मातम में बदलीं शादी की खुशियां: झारखंड का बेटा कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी जम्मू-कश्मीर में शहीद, अप्रैल में होने वाली थी शादी

Edited By Khushi, Updated: 12 Feb, 2025 01:14 PM

wedding s happiness turned into mourning jharkhand s son captain karamjit

IED Blast: झारखंड के हजारीबाग (Hazaribagh) में उस वक्त कोहराम मच गया जब 28 वर्षीय कैप्टन कमरजीत सिंह बक्शी जम्मू के अखनूर सेक्टर (लाइन ऑफ कंट्रोल) में शहीद हो गए। 5 अप्रैल को उनकी शादी होने वाली थी।

IED Blast: झारखंड के हजारीबाग (Hazaribagh) में उस वक्त कोहराम मच गया जब 28 वर्षीय कैप्टन कमरजीत सिंह बक्शी जम्मू के अखनूर सेक्टर (लाइन ऑफ कंट्रोल) में शहीद हो गए। 5 अप्रैल को उनकी शादी होने वाली थी। 

आईईडी ब्लास्ट में शहीद करमजीत सिंह बक्शी 

दरअसल, शहीद कमरजीत का परिवार हजारीबाग के जुलू पार्क के पास रहता है। कैप्टन सरदार करमजीत सिंह बक्शी अपने घर के बड़े बेटे थे। करमजीत के परिजन अपने बीमार रिश्तेदार से मिलने के लिए नैनी प्रयागराज जा रहे थे। बेटे के शहीद होने की खबर मिलने के बाद बीच रास्ते से वह लौट कर हजारीबाग आ गए। जानकारी के मुताबिक सरदार करमजीत सिंह बक्शी अखनूर में एलओसी पर तैनात थे। उनकी टोली के जवान भट्टल इलाके में गश्त कर रहे थे। उसी दौरान आतंकियों के आईईडी ब्लास्ट में कैप्टन सरदार करमजीत सिंह बक्शी उर्फ पुनीत सहित 2 सैन्यकर्मी शहीद हो गये। एक अन्य सैन्यकर्मी के घायल होने की सूचना है।

घर में चल रही थीं शादी की तैयारियां 

5 अप्रैल को करमजीत सिंह बक्शी की शादी होने वाली थी। घर में शादी की तैयारियां भी चल रही थीं। शादी की तैयारियों के लिए करमजीत 17 जनवरी को छुट्टी लेकर हजारीबाग आए थे और 24 जनवरी को वापस जम्मू लौटे थे। करमजीत सिंह बक्शी के शहीद होने के बाद घर में मातम छा गया है। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। पिता अजिनदर सिंह बक्शी ने कहा कि बेटे को बचपन से आर्मी में जाने में जुनून था। रोज 10 से 20 किलोमीटर दौड़ता था। 

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