झारखंड में आरक्षण को बढ़ाने का फैसला स्वागतयोग्य, बिहार सरकार भी इसी तरह का लाए प्रस्ताव: भाकपा माले

Edited By Diksha kanojia, Updated: 13 Nov, 2022 11:40 AM

welcome decision to increase reservation in jharkhand

भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में कहा, “झारखंड विधानसभा ने शुक्रवार को विभिन्न श्रेणियों को दिए जाने वाले कुल आरक्षण को बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने के लिए एक विधेयक पारित किया। झारखंड सरकार के इस कदम का स्वागत है। बिहार...

रांची/पटनाः बिहार में महागठबंधन सरकार की घटक भाकपा माले ने विभिन्न श्रेणियों को दिए जाने वाले कुल आरक्षण को बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने की पड़ोसी राज्य झारखंड सरकार की पहल की प्रशंसा करते हुए शनिवार को मांग की कि यहां की नीतीश कुमार सरकार को भी राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान इसी तरह का विधेयक लाना चाहिए।

भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में कहा, “झारखंड विधानसभा ने शुक्रवार को विभिन्न श्रेणियों को दिए जाने वाले कुल आरक्षण को बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने के लिए एक विधेयक पारित किया। झारखंड सरकार के इस कदम का स्वागत है। बिहार सरकार को भी राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान इसी तरह का विधेयक लाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा, “आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग को दिये गए 10 प्रतिशत आरक्षण में दलितों, अतिपिछड़ों, पिछड़ों के गरीबों को शामिल नहीं किया गया है। इसलिए वंचित समुदाय के लिए जारी आरक्षण की सीमा बढ़नी चाहिए।” कुणाल ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही राज्य सरकार की नौकरियों में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाने के पक्ष में हैं। यह सही समय है, इसलिए बिहार सरकार को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए।”

भाकपा माले के बिहार विधानसभा में 12 विधायक हैं। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दिसंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। झारखंड विधानसभा ने‘‘झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए) अधिनियम 2001 में संशोधन के लिए विधेयक 2022'' पारित किया है जिसमें अनुसूचित जातियों के लिए राज्य की नौकरियों में आरक्षण को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियों के लिए 26 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत और पिछड़े वर्गों के लिए 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की व्यवस्था है। इस विधेयक के माध्यम से राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए भी दस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है।

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