Edited By Ramanjot, Updated: 23 Feb, 2025 05:15 PM
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मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड में स्थित 100 साल पुराना पुल ताश के पत्तों की तरह ढह गया, जिससे इस क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड में स्थित 100 साल पुराना पुल ताश के पत्तों की तरह ढह गया, जिससे इस क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। यह हादसा गरहां-हथौड़ी-अमनौर-औराई सड़क मार्ग पर अमनौर खाखर टोला के पास हुआ। हालांकि, गनीमत यह रही कि हादसे के कुछ मिनट पहले ही एक बस पुल से गुजर चुकी थी, जिसके कारण किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन इस पुल के गिरने से औराई प्रखंड के अतरार अमनौर, महेश्वाड़ा, कटरा प्रखंड की बेरई दक्षिणी पंचायत सहित करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो गए हैं। अब इन इलाकों के लोग शहर जाने के लिए सात किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करेंगे, जिसमें अधिकतर रास्ता पैदल तय करना होगा।
बिना फिटनेस जांच के हुई मरम्मत, लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि करीब डेढ़ साल पहले इस सड़क का मरम्मत कार्य कराया गया था, लेकिन पुल की फिटनेस की जांच किए बिना ही मरम्मत की गई। ग्रामीणों के अनुसार, मरम्मत में लापरवाही बरती गई थी, जिससे पुल की जर्जर स्थिति की अनदेखी की गई। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस पुल के पास एक ट्रक गिर चुका था, जिससे पुल की हालत की चेतावनी पहले ही मिल चुकी थी। लेकिन, अधिकारियों और अभियंताओं ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे आज यह हादसा हुआ।
बीजेपी विधायक की यात्रा से एक दिन पहले हुआ हादसा
हादसा उस समय हुआ है जब बीजेपी विधायक और पूर्व भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत कुमार यहां प्रस्तावित पुल और सड़कों के उद्घाटन के लिए धन्यवाद यात्रा निकालने वाले थे। बेनीपुर स्मारक से क्षतिग्रस्त पुल से करीब दो किलोमीटर पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ पैदल यात्रा की योजना थी, लेकिन एक दिन पहले पुल गिरने से यह हादसा राजनीति के गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया।
ग्रामीणों में आक्रोश, प्रशासन से पुनर्निर्माण की मांग
पुल गिरने के बाद स्थानीय ग्रामीणों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि इस पुल की खराब हालत के बारे में पहले ही कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन प्रशासन और अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज किया। अब जब पुल गिर चुका है, तो लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र पुल के पुनर्निर्माण की मांग की है ताकि उनकी परेशानियों का समाधान हो सके और आवागमन फिर से सुचारू हो सके।