Edited By Khushi, Updated: 15 Nov, 2024 12:32 PM
पीएम नरेंद्र मोदी ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, भगवान बिरसा मुंडा जी ने मातृभूमि की आन-बान और शान की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
रांची: पीएम नरेंद्र मोदी ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, भगवान बिरसा मुंडा जी ने मातृभूमि की आन-बान और शान की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उनकी जन्म-जयंती ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के पावन अवसर पर उन्हें मेरा कोटि-कोटि नमन’’.।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड वासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई भी दी और प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण इस प्रदेश की प्रगति की कामना की। पीएम मोदी ने एक अन्य पोस्ट में कहा, “झारखंड के अपने सभी भाई-बहनों को राज्य के स्थापना दिवस पर अनेकानेक शुभकामनाएं। जनजातीय समाज के संघर्ष और बलिदान से सिंचित इस धरती ने देश को हमेशा गौरवान्वित किया है।’ पीएम मोदी ने कहा, “मेरी कामना है कि प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण यह प्रदेश प्रगति के पथ पर तेज रफ्तार से आगे बढ़े।’
बता दें कि आज ही के दिन यानी 15 नवंबर 2000 को झारखंड की स्थापना हुई थी। यह राज्य बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर गठित किया गया था। बता दें कि झारखंड में भगवान की तरह पूजे जाने वाले धरती आबा बिरसा मुंडा की आज 150वीं जयंती है। देश उनकी जयंती पर जनजाति गौरव दिवस के रूप में मना रहा है। बिरसा मुंडा झारखंड और देश के ऐसे जननायक हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नाम पर कई योजनाएं चलती हैं। संसद भवन परिसर में इनकी प्रतिमा है। झारखंड और आदिवासियों के बीच वे भगवान बिरसा मुंडा हैं।
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 में तब के रांची और आज के खूंटी जिले उलीहातू गांव में एक आदिवासी परिवार में हुआ था। बिरसा के पिता का नाम सुगना मुंडा था और उसकी मां का नाम करमी मुंडा था। बिरसा मुंडा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मिशनरी स्कूल में की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने देखा की अंग्रेज कैसे भारतीयों और उनके समाज पर जुल्म कर रहे हैं। आखिरकार उन्हें ये जुल्म बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। झारखंड के अलावा बिरसा मुंडा की बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में भी पूजा की जाती है। रांची के कोकर में बिरसा मुंडा की समाधि है जहां हर साल उन्हें नमन करने सैकड़ों लोग आते हैं।