Edited By Ramanjot, Updated: 22 Jul, 2024 02:19 PM
बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली और ‘कृष्णा बम' के नाम से प्रसिद्ध 72 वर्षीय कृष्णा मां अपने कुछ सहयोगियों के साथ हर साल की तरह इस बार भी रविवार की सुबह सुल्तानगंज पहुंची। कुछ घंटों बाद वहां के अजगैबीनाथ घाट पर उन्होंने उत्तरवाहिनी गंगा का पवित्र जल...
भागलपुर: श्रावण मास में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल काशी विश्वनाथ, बाबा वैद्यनाथ और उज्जैन महाकाल के दर्शन-पूजन की विशेष मान्यता है। हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि श्रावण महीने में सोमवार के दिन पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करके प्रभु शिव को प्रसन्न किया जा सकता है। शिव की प्रेरणा से ही बाबा बैधनाथ धाम में जलार्पण करने के लिए 72 साल की बम कृष्णा मां रविवार को भागलपुर के सुल्तानगंज से जल लेकर देवघर के लिए रवाना हुई।
बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली और ‘कृष्णा बम' के नाम से प्रसिद्ध 72 वर्षीय कृष्णा मां अपने कुछ सहयोगियों के साथ हर साल की तरह इस बार भी रविवार की सुबह सुल्तानगंज पहुंची। कुछ घंटों बाद वहां के अजगैबीनाथ घाट पर उन्होंने उत्तरवाहिनी गंगा का पवित्र जल भर कर बैधनाथ धाम यात्रा के लिए पैदल निकल पड़ी। उम्र की इस पड़ाव में भी डाक बम कृष्णा मां बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए काफी उत्साहित हैं और कहती हैं कि करीब 110 किलोमीटर की दूरी मात्र 18 घंटे में पैदल चलकर पूरी करेंगी। उनपर बाबा की असीम कृपा है।
इस दौरान वहां मौजूद कांवरिया ने ‘कृष्णा बम' के चरण स्पर्श कर उनका आर्शीवाद लिया। ऐसा माना जाता है कि उनके चरण स्पर्श से सभी कांवरिया भक्तों को जीवन में सुख-शांति मिलती है। हर वर्ष भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मां ‘कृष्णा बम' सुल्तानगंज से जल भरकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करती हैं। इस पावन यात्रा में उनके सहयोगी पूरी भक्ति भाव से उनका साथ देते हैं।