Edited By Ramanjot, Updated: 26 May, 2023 03:00 PM

Bihar News: बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संरक्षक संदीप सौरभ ने बताया कि शिक्षक जनता के जनप्रतिनिधियों के बीच हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं। 80 विधायकों ने अपने लेटर पैड पर इस बात पर सहमति जताई है कि शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दिया...
Bihar News: नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद जहां जल्द ही शिक्षक बहाली का विज्ञापन आने वाला है। वहीं शिक्षकों का आंदोलन भी लगातार जारी है। इतना ही नहीं, इससे जुड़ा मामला हाईकोर्ट चला गया है। वहीं शिक्षकों के साथ ही महागठबंधन में शामिल पार्टियों के विधायकों में भी सरकार के फैसले के विरोध में नाराजगी बढ़ती जा रही है। बिहार के चार लाख शिक्षक नई नियमावली को नहीं चाहते हैं और ज्यादातर विधायक भी नहीं चाहते हैं। बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा का दावा है कि महागठबंधन के 80 MLA हमारे साथ हैं।
80 विधायकों ने अपने लेटर पैड पर सहमति जताई
बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संरक्षक संदीप सौरभ ने बताया कि शिक्षक जनता के जनप्रतिनिधियों के बीच हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं। 80 विधायकों ने अपने लेटर पैड पर इस बात पर सहमति जताई है कि शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए, नियमावली में संशोधन की जाए। जाहिर सी बात है कि इतनी संख्या में हस्ताक्षर करने वाले विधायकों में करने जदयू और राजद के विधायक भी शामिल होंगे।
"80 विधायकों के पत्र का असर सरकार पर जरूर होगा"
वहीं अब तक 80 विधायकों ने शिक्षकों के पक्ष में लिखा है। वहीं कई एमएलए ऐसे हैं जो कह रहे है कि हम शिक्षकों के पक्ष में हैं, लेकिन सरकार में होने के कारण हम लिख नहीं सकते। हम लोगों ने महागठबंधन के विधायकों से ही पत्र लिखवाया है, इसमें बीजेपी के विधायक नहीं हैं। महागठबंधन के विधायकों का सहमति पत्र सरकार को दिया जाएगा। सरकार से हम कहेंगे कि सरकार न्याय करे। उधर, बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा को उम्मीद है कि 80 विधायकों के पत्र का असर सरकार पर जरूर होगा। शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संरक्षक का कहना है कि जो नियोजित शिक्षक काम कर रहे हैं उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा पाने के लिए बीपीएससी की परीक्षा देनी होगी। यह अन्यायपूर्ण फैसला है।